Poll

विस्थापित पहाड़ी क्या उत्तराखंड वापस लौटना चाहिगे ? Wud U like to Return UK ?

Yes
52 (91.2%)
No
3 (5.3%)
never
2 (3.5%)

Total Members Voted: 57

Voting closes: February 07, 2106, 11:58:15 AM

Author Topic: Would You Return To UK - विस्थापित पहाड़ी क्या उत्तराखंड वापस लौटना चाहिगे?  (Read 30995 times)

हेम पन्त

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अरुण भाई! यह बहुत अच्छी बात है कि आपके दिमाग में कुछ करने का idea है. अब सरकार ने पहाङी जिलों के लिये अलग से उद्योग नीति की घोषणा कर दी है, जो काफी प्रोत्साहित करने वाली है... इस बार आप पहाङ जाओगे तो अपने जिले के उद्योग कार्यालय में जाकर विस्तारपूर्वक जानकारी आसानी से हासिल कर सकते हैं.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Who does not want to be with his family?

Who wish to be out of village ?


But lack of development, unemployment etc compel people to go out pahad. At present situation, the migration is continuously increasing.

This shows people have no option but to move out..


umeshbani

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बिज़नस के हिसाब से बहुत मुस्किल काम होगा उन लोगों के लिय जिनका बिज़नस बाहर अच्छा चल रहा हो और सरकारी नौकरी वालों के लिय भी ... लगभग bahut मुस्किल होगा सभी professionals के लियवापस लौटना  .......... भी कहना तो सरल है मगर वापस जाना बहुत कठिन ........... एक आदमी जो बाहर कुछ कमा रहा है उसका रिस्क लेना बहुत कठिन है हाँ जिसके पास पैसा और बेक सुप्पोर्ट अच्छी है वो कोशिश कर सकता   है अगर कुछ दिकत हो तो वापस आ सकता है ......मगर अधिकतर लोगों के लिए रिस्क लेना बहुत मुस्किल है...
uttrakhand के sewa तो हम लोग kesi भी रूप mai  कर सकते है सबसे pahle palayan rokana होगा फिर बात aayaegai vaspas jane ki .......
आप हम तो बस bhagidar  बन सकते है Pahal  तो  sarkaar को Karin  है   .....  रोजगार परक शिक्षा रोजगार के साधन jutane  होंगे....... jise palyan ruke.......

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Yes Umesh Ji,

The points highlighted by you are genuine in nature. It has been a very common tendency of human being to run after comfort and happiness.

so until unless we do not have a good development, this process will continue.

NGOs and other orgnizations can always give a support to Govt initiatives etc but the Govt which people have elected must do the basic thing. 

बिज़नस के हिसाब से बहुत मुस्किल काम होगा उन लोगों के लिय जिनका बिज़नस बाहर अच्छा चल रहा हो और सरकारी नौकरी वालों के लिय भी ... लगभग bahut मुस्किल होगा सभी professionals के लियवापस लौटना  .......... भी कहना तो सरल है मगर वापस जाना बहुत कठिन ........... एक आदमी जो बाहर कुछ कमा रहा है उसका रिस्क लेना बहुत कठिन है हाँ जिसके पास पैसा और बेक सुप्पोर्ट अच्छी है वो कोशिश कर सकता   है अगर कुछ दिकत हो तो वापस आ सकता है ......मगर अधिकतर लोगों के लिए रिस्क लेना बहुत मुस्किल है...
uttrakhand के sewa तो हम लोग kesi भी रूप mai  कर सकते है सबसे pahle palayan rokana होगा फिर बात aayaegai vaspas jane ki .......
आप हम तो बस bhagidar  बन सकते है Pahal  तो  sarkaar को Karin  है   .....  रोजगार परक शिक्षा रोजगार के साधन jutane  होंगे....... jise palyan ruke.......


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Though, people have different views in this regard but i have to the following once again :


-   The first and foremost thing that we should  have employment there. During these 8 yrs of forming of Uttarakhand state, all the Govt has been unable to do so.


-   Until unless we do not have a development there, nobody would like to return.

-   Govt must invite enterpreners of Uttarakhand who in other state to also set-up their business.

-    Tourism can be promote which can play pivotal rule in generating employment.

There are other factors where Govt needs to work hard. At present situation, i believe hardly anybody would like to go back staking his future.

 


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Our poll, shows that people are intereted to settle in pahad but the problem is employment..

ANY OTHER VIEWS PLEASE.

मदन मोहन भट्ट

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आप के खेत लहलहा रहे हों, आप खुद किसी सरकारी या प्राइवेट संसथान मैं नौकरी या व्यापार कर शाम को पहाड़ के अपने सुन्दर से घर में आ जाते हों में फिर ये कहावत तो ठीक ही हुयी ना की भैया 'घर की आधी भली'.  ऐसे में कोई आधा भी कमा रहा हो और अपने पहाड़ के घर मे रह रहा हो, फिर वह तो स्वर्ग में ही तो रह रहा है. स्वर्ग में कौन नहीं जाना चाहेगा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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   But

The way development pace is there and people migrating from pahad, people will hardly to go back.


सुधीर चतुर्वेदी

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मेहता जी जब भी मोका मिलेगा मै तो उत्तराखंड ही जाऊंगा ..................
 मेरा पहाड़ ही मेरी पहचान है , मेरा पहाड़ ही मेरा सपना है ..........

जय उत्तराखंड ... जय भारत

 

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