डॅा मेघा भारती ‘‘मेघल‘‘ की ं नई पुस्तक "मख्फी" नजमो गजल रिलीज

डॅा मेघा भारती ‘‘मेघल‘‘ की ं- नई पुस्तक "मख्फी" नजमो गजल हाल ही में रिलीज हुई । पुस्तक का विमोचन यू-ट्रिपल सी द्वारा अल्मोड़ा में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेंलन में प्रोव वीव पीव एसव अरोड़ा कुलपति, श्री वेंकटेशवरा विश्वविद्यालय एंव डा सुंदरियाल, वैज्ञानिक यू-सर्क द्वारा किया गया।इस अवसर पर देश प्रदेश के विख्यात विद्वान उपस्थित थे।
"मख्फी" नज्मों एवम गज़लों का संकलन हेै।इससे पहले मेघल‘‘ दो अन्य पुस्तकें अग्रेंजी भाषा में लिख चुकीं हेैरू अंग्रेजी में ष्21 म्उवजपवदेष् अंग्रेजी, कविता संकलन एवम् ष्। ब्तपजपबंस ैजनकल व िळसवतपं छंलसवत दृ । थ्मउपदपेज च्मतेचमबजपअमेष् जो नारीवाद पर आधारित है तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी लोकप्रिय हो रही हैं। साथ ही अंग्रेजी जर्नल्स एंव हिन्दी पत्रिकाओं में बतौर सम्पादक एंव पत्रकार भी मेघा सक्रिय हैं।
ष्मख़्फीष् ;ज्ीम भ्पककमदद्ध के बार में उन्होनें बताया कि नज्मों एवम गज़लों का उनका यह प्रथम संकलन हेै। लेकिन इससे पहले विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित उनकी गज़लों को जो प्रशंसा प्राप्त हुई उसी से प्रेरित होकर उन्होंने ये संकलन निकाला। इंटरनेट पर अपने प्रथम सप्ताह में ही ‘‘मख्फी‘‘ को फाईफ स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। फिल्पकार्ट, एमेजोन डाट कॉम इत्यादि वेब साईट पर यह पुस्तक उपलब्ध है। नई दिल्ली से प्रकाशित इस संकलन में उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलूओं, मानवीय सम्बधों एंव भावनाओं पे आधारित गज़लें लिखीं हैं।
डॉ. मनोज गौतम ‘मन‘ु ने लिखा हैरू ‘‘मेघल‘‘ के लेखन मे जितनी प्रखरता है उतनी ही सादगी और विनम्रता भी । शब्दों कि सादगी एंव गहराई इनकी शक्ति है। मैं आशा करता हॅू कि इस सकंलन श्मख़्फीश् की सभी गज़ले श्रोताओं को तरंगित करंेगीं और गज़ल लेखन को एक नया आयाम प्रदान करंेगी।‘‘