फिल्मकारों को लुभाती हैं कुमाऊं की हसीन वादियांSep 14, 11:52 pm
नैनीताल। उत्तराखण्ड में कुमाऊं की हसीन वादियां भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर फिल्मकारों को हमेशा ही अपनी ओर आकर्षित करती रहीं हैं। हिन्दी फिल्मों की एक लंबी सूची है जो नैनीताल व आसपास के क्षेत्रों में फिल्माई गयी।
भारतीय सिनेमा जगत के जाने माने निर्देशक बिमल रॉय की पचास के दशक में दिलीप कुमार व बैजयंती माला अभिनीत फिल्म मधुमती का वह लोकप्रिय गीत जिसे मशहूर गायक मुकेश ने अपने स्वर से सजाया था- सुहाना सफर और ये मौसम हसीं. कहीं सुनाई देता है तो बरबस ही नैनीताल की अनूठी सुंदरता की याद आने लगती है। हिन्दी फिल्मों के कई लोकप्रिय गीतों को कुमाऊं की बेहद शांत व प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी वादियों में फिल्माया गया। राजेश खन्ना व आशा पारेख के अभिनय से सजी निर्देशक शक्ति सामंत की 70 के दशक की सुपर हिट फिल्म कटी पंतग का चर्चित गीत-जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा. व डैनी और जया भादूड़ी की शुरूआती फिल्म अभी तो जी लें का कर्णप्रिय गीत-तु लाली हो सवेरे वाली. भी नैनीताल का दिल कहे जाने वाली नैनी झील पर फिल्माया गया था।
गुजरे जमाने की कई मशहूर फिल्में नैनीताल शहर में बनी और उन्होंने सफलता के झंडे भी गाढ़े। सिनेमा जगत में विशिष्ट स्थान रखने वाले यश चोपड़ा, बीआर चोपड़ा, देवानंद, शेखर कपूर, शाहरुख मिर्जा, सुभाष घई, राकेश रोशन तथा राजश्री बैनर के सूरज बड़जात्या, धरमा प्रोडक्शन के सोहेम शाह जैसे कई निर्देशक अपनी फिल्मों की शूटिंग नैनीताल व आसपास के रमणीय स्थलों में कर चुके है। शानदार लोकेशन, खूबसूरत हरियाली से घिरी ये वादियां फिल्म निर्माताओं को लुभाती है। हिमालय की तलहटी पर बसे कुमाऊं से निकले कई कलाकार निर्मल पांडे, हेमंत पांडे, ललित तिवारी आज भारतीय सिनेमा में शानदार अदाकारी से यहां का नाम रोशन कर रहे है।
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