अगर यह बात सत्य है यह घोर निंदनीय है! नरेन्द्र सिंह नेगी जैसे प्रतिष्टि गायक जो की अभी भी गाने गा रहे रहे और उत्तराखंड के संगीत के प्रति पूरी तरह से समर्पित है बिना उनके अनुमति के उन्ही के गाये गाने अगर कोई दूसरा गायक गाता है और बाजार में अपना एल्बम निकलता है, इससे ज्यादे शर्म की बात कोई नहीं है!
माना की लोक संगीत में कॉपी राईट का बहुत ज्यादे बोल बाला नहीं है फिर भी जिस गायक ने गाने गाये है उकसे जीवित रहते हुए उसी के गाने चुराना यह कोई कलाकारी की बात नहीं है!
सुरेश जी और उनके साथ जुड़े हुयी लोगो ने इस पर सोचना चाहिए! मै भी नेगी जी इस बारे में पूछुंगा!
हर आदमी में अपना हुनर है पर वह हुनर अपने मेहनत से आगे लाना चाहिए ना की किसी के पकाई हुयी रोटी को खाना!
मुझे लगता है नेगी जी भी इस प्रकरण से आहात होंगे!
कही ना कही यह लोक संगीत के लिए शर्म की बात है! हाँ लोग हिंदी फिल्म संगीत में भी धुनें चुराते है और पुराने स्वर्गीय गायकों के गीतों को शर्धांजलि के रूप में गाये है लेकिन नेगी जी तो अभी भी प्रयास रत है और उनके द्वारा लिखे और गाये गाने को कोई गायक अपने आवाज में बिना अनुमति के एल्बम के रूप में प्रदर्शित करता है वह एक घटिया कला का प्रदर्शन है!