पोलैंड में गूंजे उत्तराखंडी लोकसुर

देहरादून: हम भले ही अपने जड़ों से कटते जा रहे हों, लेकिन प्रवासी उत्तराखंडी आज भी अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशील हैं। इसका प्रमाण है पोलैंड की राजधानी वारसा व क्राकोव शहर में हर साल आइपीसीसी (इंडो-पोलिश कल्चरल कमेटी) की ओर से आयोजित होने वाला होली फेस्टिवल। विशेष बात यह है कि इसमें लगातार उत्तराखंडी लोक संस्कृति को प्रतिनिधित्व मिल रहा है। इस साल 16 से 23 मार्च तक आयोजित होली फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक गायक रजनीकांत सेमवाल ने पोलैंडवासियों को उत्तराखंडी लोक संस्कृति के दर्शन कराए।
पोलैंड में पिछले 11 सालों से होली फेस्टिवल आयोजित हो रहा है। इसका उद्देश्य एक-दूसरे की संस्कृति, परिवेश व जीवन-दर्शन को समझना है। फेस्टिवल में लगातार तीसरे वर्ष उत्तराखंड से युवा लोकगायक रजनीकांत सेमवाल (उत्तरकाशी) को आमंत्रित किया गया। उत्तराखंड की संस्कृति से पोलैंडवासियों को परिचित कराने के लिए उन्हें आइपीसीसी की ओर से सम्मानित भी किया गया।
पोलैंड से लौटने पर श्री सेमवाल ने बताया कि उन्होंने वहां यगिलोनियन यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को देवभूमि के जीवन दर्शन से परिचित कराया। साथ ही उन्हें उत्तराखंडी गीत-संगीत की बारीकियां भी समझाईं। फेस्टिवल में पोलैंड में भारतीय राजनयिक मोनिका कपिल मोहता, आइपीसीसी के अध्यक्ष उमेश नौटियाल आदि मौजूद रहे।