तेरु रूप
लेटेस्ट गढ़वाली देजे सोंग २०१६
स्वर अमर सेमल्टी और साथी
संगीत संजय कुमोला
संपादक विकास खत्री
न्यू ऐज ग्रुप मीडिया इनचार्ज प्रेमचंद्रा
https://youtu.be/l3z3pffW_KY?t=114तेरु रूप
हे हे हे ..... अ अअ
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
सैरु पहाड़ तिन रूप मा ठगै
अरे सैरु गढ़वाल तैंन अंग अंग समै
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
गंगा जल सी तेरु छालू मन
आग लगुण्या तन मन जोबन
हाँ ..गंगा जल सी तेरु छालू मन
आग लगुण्या तन मन जोबन
दही कि परोठी छोरी ईनि माया मोल
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
दही कि परोठी छोरी ईनि माया मोल
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
जब हिटदी तू रैंदी सबू की नजर
मन कंठी कां तेरी बालि उमर
हे..जब हिटदी तू रैंदी सबू की नजर
मन कंठी कां तेरी बालि उमर
सरी दुनिया चकोर अर तू कंठा मा की जून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
सरी दुनिया चकोर अर तू कंठा मा की जून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कॉलेज मा तू छोरों कि जां
सड़कीयों मा तू आंदा जांदू पराण
हे ...कॉलेज मा तू छोरों कि जां
सड़कीयों मा तू आंदा जांदू पराण
गुंदक्यालि हथि खुथि मुखडी जनि नौंण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
गुंदक्यालि हथि खुथि मुखडी जनि नौंण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
रुपाली बांद तू इतगा बिंदयाल
बण मायादार बात सुणायाल
हो ....रुपाली बान तू इतगा जणायाल
बण मायादार बात सुणायाल
सरया गढ़वाल घुम्या अब तेर जनि नि पोँण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
सरया गढ़वाल घुम्या अब तेर जनि नि पोँण
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
पौड़ी टेहरी चमोली उत्तरकाशी देहरादून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
सैरु पहाड़ तिन रूप मा ठगै
अरे सैरु गढ़वाल तैंन अंग अंग समै
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
कोरस
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
हे रुपाली बांद तेरु रूप मा सकून
हे रुपाली बांद तेरु रूप अब कया बून
उत्तराखंडी गीत है
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ