उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
June 5 ·
मेरी स्याणी दा छुचि स्याणी
(ये भी हथ्यानी वे भी लोफ्यानी मन की दासी लोभ की रानी .. २
कख जानी अर कख नि जानी स्याणी या मेरी स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी)
कोरस बूढ़ेनदा की स्याणी निर्भे स्याणी) .... २
चौड़ी काखड़ीयु का झालू उन्द कभी (लिम्बा नारंगी डाली) ... २
कोरस डाली बे लिम्बा नारंगी डाली
चौड़ी काखड़ीयु का झालू उन्द कभी (लिम्बा नारंगी डाली) ... २
देख रे पलिंगु बिरानी बाड़ी मारी फालीयूँ माँ फाली
मेरी स्याणी या लोली स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी )
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी निर्भे स्याणी)
दौड़ी कफुल तिम्लों कु कभी (आम आरु का बागवान) ... २
कोरस बागवान बे आम आरु का बागवान
दौड़ी कफुल तिम्लों कु कभी (आम आरु का बागवान) ... २
चोडी फूल फूली बडियूं मां कभी कूटमुदियुं का बानू
मेरी स्याणी या लोली स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी )
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी निर्भे स्याणी)
जंद कौथिग माँ जवान बनी की (लांद जलका बलिकी) .. २
कोरस बलिकी बे लांद जलका बलिकी
जंद कौथिग माँ जवान बनी की (लांद जलका बलिकी) .. २
सोचुदु मेरी तिबारी डंडयाली माँ से नथुली नि झलकी
मेरी स्याणी या लोली स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी )
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी निर्भे स्याणी)
हाट बाजार खट्ई मीठेईयूं माँ (कुनेत चाट छोलो माँ) ... २
कोरस छोलो माँ रे कुनेत चाट छोलो माँ
हाट बाजार खट्ई मीठेईयूं माँ (कुनेत चाट छोलो माँ) ... २
जान्द पौणेई माँ ब्यो बारात माँ नया नया डोलो माँ
मेरी स्याणी या लोली स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी )
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी निर्भे स्याणी)
खासीला लगोटीयूँ की लोभ माँ कभी (कचमोली फिराक) ... २
कोरस : फिराक बे कचमोली फिराक
खासीला लगोटीयूँ की लोभ माँ कभी (कचमोली फिराक) ... २
जांद सुराक छनि मां रौलियों माँ कच्ची दारू की तुराक
मेरी स्याणी या लोली स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी )
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी निर्भे स्याणी)
(ये भी हथ्यानी वे भी लोफ्यानी मन की दासी लोभ की रानी .. २
कख जानी अर कख नि जानी स्याणी या मेरी स्याणी
कोरस बूढ़ेनदा की (स्याणी दा छुचि स्याणी)
कोरस बूढ़ेनदा की स्याणी निर्भे स्याणी) .... ४
मेरी सयानी दा छुचि स्याणी
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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