मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
बांज आयारु कु बोण, फुल्यु बुरांस कनु,
हेरी साडी मा बिलोज लाल पर्यु हो जनु.
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
कुत्तर किन्गोड़ कफल, काली हिंसर लरतर
रसुला देवदारु की ठंडी ठंडी हवा सर सर
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
खिली मखमली बूग्यालू , मा सरेल क्या बुन
आंखी रेह्गेनी देखदी, स्वर्ग पहुंचगे मन
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
यन्न मा होलू कन जू मन माया नी जोड़लू
खेल माया कु ना खेल, पछतौन पोडालू
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
केल कुलायु की सेल , तेरा गेल फिर कब,
राजी राली दांडी काँठी, ऋतू बोडली जब,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
उत्तराखंडी गीत अनुवाद किया है उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बस चल चित्र के निचे लिखा है
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ