Author Topic: Uttarakhandi Films & Music Albums Lyrics - म्यूजिक एल्बम के गीतो के बोल  (Read 15316 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

Our Member Shri Bal Krishan Dhyani has provided lyrics of various Uttarakhandi Music Album & Films. We are posting these here for you. Hope you will enjoy.

बरखा चुप व्हैजा
स्वर प्रीती रणाकोटी, गुंजन डंगवाल
गीत शांति भूषण
धन्यवाद अमित सागर
संगीत सुमंत पंवार
एल्बम गंजो मेरा गोँ कि
लेबल MGV DIGITAL
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ना बारखि बरख ना बारखि
ना बारखि रणुमणुम झणुमणुम कैकि चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण
भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण
मेल्दी आँखि मेल्दी आँखि आंसूधारा बगेना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड
ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
अरे थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड
परीत माया परीत माया अध बाटा छुपै ना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
ईकुली बिंदूल सुर मा पंधेर बगीगे
खिलियु खिलियु रूप रंग और सजीगे
कुंगली गात स्युंदी फूंदी रुझिगे
जल्मो जल्मो की तिस बुझिगे
रणुमणुम झणुमणुम
रणुमणुम झणुमणुम लगि रै रुकी ना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी गीत है
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

M S MEhta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?

June 26 at 12:05am ·
क्या दिन क्या रात हे जी...हो

नरेंद्र सिंह नेगी
गीत : क्या दिन क्या रात हे जी... हो
गायक : नरेंद्र सिंह नेगी
एल्बम : छिबड़ाट
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
मेरा मन की बात हे जी... हो
स्त्री:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
हरी भरी गात हेजी... हो
स्त्री:-
उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै
जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा
बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट
देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी... हो
पुरुष:-
फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी
तेरी मयाली माया कु
जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी
बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट
बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हे जी... हो
स्त्री:-
ऐसो बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली
आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली
लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हे जी... हो
पुरुष:-
मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा
माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा
लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ हे जी... हो
स्त्री:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
हरी भरी गात हे जी... हो
पुरुष:-
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
मेरा मन की बात हे जी... हो
उत्तराखंडी गीत है
क्या दिन क्या रात हेजी हो
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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गीत : अरे दीपा मिजात
एल्बम: अरे दीपा जींस टॉप वाली
गायक: फौजी ललित मोहन जोशी, मीना राणा
संगीत लेबल टी-सीरीज
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
पनि को मासिक दीपा पनि को मसिक दीपा
तू भूल ना भूल जली मैं भुलु कसिक दीपा . .
पनि को मासिक दीपा पनि को मसिक दीपा
तू भूल ना भूल जली मैं भुलु कसिक दीपा . .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
नरिंगे कि दाणी दीपा नरिंगे कि दाणी दीपा
त्वेले मे कुबानी ले के न नख न बैठ दीपा . .
नरिंगे कि दाणी दीपा नरिंगे कि दाणी दीपा
त्वेले मे कुबानी ले के न नख न बैठ दीपा . .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
हाथे कि चुँडिये दीपा हाथे कि चुँडिये दीपा
तू मिके लगछे दीपा आज ले कुड़िये दीपा . .
हाथे कि चुँडिये दीपा हाथे कि चुँडिये दीपा
तू मिके लगछे दीपा आज ले कुड़िये दीपा . .

तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
रंगीलो मिजात दीपा रंगीलो मिजात दीपा
ने कर नि आज दीपा मेरो संग फ़्स्द दीपा .
रंगीलो मिजात दीपा रंगीलो मिजात दीपा
ने कर नि आज दीपा मेरो संग फ़्स्द दीपा .
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
छोड़ी दियोंलो पहाड़ दीपा नेह जोंलो परदेश दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
तेरी माया दिले में दीपा बिंगे दियोंलो ये दिल दीपा
आँखि तेरी मयली दीपा नैनी ताले की झील दीपा
उत्तराखंडी गीत है
हे दीपा मिजात दीपा मिजात तू सुणी दीपा
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
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उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
टूट्या न कभी ....
टूट्या न कभी ...टूट्या न कभी ..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंजडया..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंजडया..
छुट्या न कभी .... छुट्या न कभी ....
छुट्या न कभी ....
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तिन लगेनी बडुली.......हो हो ..
मै पाणी पीन्दी रो ...हो..हो...
तिन लगेनी बडुली....... मै पाणी पीन्दी रो
तिन पठेनी पराज , मै खुट्यु कनुदी रो ..
मिन त आंखी नि बूझी ,
तू स्वीणु में सी माया भिंडे दे ..
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तेरी मुखुड़ी दिखेंदी .....हो हो ..
जन फ्योलड़ी को फूल ..हो हो ..
तेरी मुखुड़ी दिखेंदी .....जन फ्योलड़ी को फूल ..
तेरी दत्युरी की ढोल जन सोबना की डोल..
आंखी आंख्यु न मंशा लगाये तिन . लगाये तिन ...
तन मन मा चढ़यु यो रंग सोंज्द्या..
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया
तेरु प्रेम सुआ यनु ...हो हो ..
मेरा मन बसी ग्यायी ....हो हो ..
तेरु प्रेम सुआ यनु ...मेरा मन बसी ग्यायी ....
छुटी गैनी धाण काज सुद बुद हर्ची ग्यायी ..
कखी बैरी दुनिया तेरी मेरी छुई न सरै दे ..
तेरी आंख्युं का किनारा....हो हो ..
तू बोल त बेठ्यु रो ..हो हो ..
तेरी आंख्युं का किनारा.... तू बोल त बेठ्यु रो ..
जब तलक छ ज्यू मा जानतब तलक बेठ्यु रो ..
खेरी विपदा का आंशु थमोंदी रो ...थमोंदी रो ..
उत्तराखंडी गीत है
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सोंजडया ..
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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उत्तराखंडी गीत है
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घमशाली ..
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
हो भीना हो भीना हो छमा छमले छौ
हो स्याली हो स्याली छमा छमले छौ
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घमशाली ..
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घमशाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
भीना महिपाला .. बकरियु चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घमशाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
.
हे हे हे ..या ...घमुरिक धार चली उडी गे चखुली ..
सुघडिक माया लगी मै रेग्यु यकुली ...
घमुरिक धार चली उडी गे चखुली ..
सुघडिक माया लगी मै रेग्यु यकुली ...मै रैग्यू यकुली .
हो।।होहो।।हवे
हे हे ... लस्पस खीर भीना लस्पस खीर ..
छपी ज्यूँ या -छापी देयु तेरी तस्वीर ... तेरी तस्वीर ..
लस्पस खेर भीना लस्पस खेर ..
छपी-छपी छापी देयु तेरी तस्वीर ... तेरी तस्वीर ..
अरे
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
हे हे हे ... सुपा भरी गौत स्याली सुपा भरी गौत
नि आली ना आया तू दर्शन भौत
सुपा भरी गौत स्याली सुपा भरी गौत
नि आली रौनक पर त्यार दर्शन भौत ...तेरी एक झलक भौत
हो हो हो... बंजे को खगोट भीना बंजे को खगोट
मेरी सच्ची माया मा तिल कया पाई खोट
बंजे को खगोट भीना बंजे को खगोट
मेरी सच्ची माया मा तिल कया पाई खोट.... बोल कया पाई खोट
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
हे हे हे ..या... भंगुलि को पियूण स्याली भंगुलि को पियूण
द्वी दीना की हुंदु रे मनखी को जूंण अ
भंगुलि को पियूण स्याली भंगुलि को पियूण
द्वी दीना की हुंदु रे मनखी को जूंण अ ..मनखी को जूंण अ
हो।।होहो।।हवे
हे हे हे ... अंगडी को निल भीना अंगडी को निल
चये गंगा जी को पुल टूटे तू ना तोडा दिन
अंगडी को निल भीना अंगडी को निल
गंगा जी को पुल टूटे तू ना तोडा दिन.. सच्ची ना तोडा दिन।
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घनसाली ..
भीना महिपाला .. बकरी चौरानया रे तुम्हारा बुग्याला ..
उत्तराखंडी गीत है
स्याली बम्पाली ..त्वे मिलन आलु हे स्याली निति, घमशाली ..
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
आयो मैना चैत को
बाटू बतै ग्ये मैत को,
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
मैत वाळि मैत होलि
निर मैतणी रोलि यकुलि,
नि रौणु छोरि पापणि
क्वी नि च तेरि आपणी।
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
काका बौडा मा रौणु नि
अपणु रंग खौणु नि
छक्वै कि रौणु ब्यै मुंग
फिर नि रौणु कै मुंग।।
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
आई पंचमी माऊ की
बाँटि हरयाली जौ की,
उत्तराखंडी गीत है
आई पंचमी माऊ की
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बस चल चित्र के निचे लिखा है
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
गोरी मुखडी मा हो लाल होंटडी जनि आहा
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
बांज आयारु कु बोण, फुल्यु बुरांस कनु,
हेरी साडी मा बिलोज लाल पर्यु हो जनु.
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
कुत्तर किन्गोड़ कफल, काली हिंसर लरतर
रसुला देवदारु की ठंडी ठंडी हवा सर सर
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
खिली मखमली बूग्यालू , मा सरेल क्या बुन
आंखी रेह्गेनी देखदी, स्वर्ग पहुंचगे मन
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
यन्न मा होलू कन जू मन माया नी जोड़लू
खेल माया कु ना खेल, पछतौन पोडालू
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
केल कुलायु की सेल , तेरा गेल फिर कब,
राजी राली दांडी काँठी, ऋतू बोडली जब,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा,,,,
उत्तराखंडी गीत अनुवाद किया है उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
बस चल चित्र के निचे लिखा है
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ त्वे मा सेरु गढ़वाल समयु च .
ओ त्वे मा सेरु गढ़वाल समयु च
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
पौड़ी की रौनक तेरी गलोड़यु मा ..
जोंसार जादू तेरी लटल्यु मा ...
पौड़ी की रौनक तेरी गलोड़यु मा ..
जोंसार जादू तेरी लटल्यु मा ...
श्रीनगर की गंगा तेरी आंख्यु मा ।
फूलो की घाटी तेरी उट्ठरयु मा ।
ओ दन्तर्यु मा ..दन्तर्यु में हिमालय बसयु च ..
तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
ओ तेरु बकी बात रूप कमयु च ...
गौचर गोपेश्वर भी कन्द्र्यु मा ..
उत्तरकाशी तेरी उन्गाल्यु मा ...
डिब्रागढे की बोली तेरी कवलि मा ..
देहरादून बस्यु तेरी खुचली मा ...
पीठ मा ..पीठ मा चमोली अड्युंचा.
कमर मा टिरी की लसक ..
छुयु मा सालाणी मजाक ..
कमर मा टिरी की लसक ..
छुयु मा सालणी मजाक ..
सतपुली सी तेरी लपाक ..
चाल मा भाबर सी ठसाक ..
चंबा जनू ओ चंबा जनु सुरंग क्या पयु च
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
लैंसडोन सी तेरी नकोडि
केदरनाथ सी तेरी जिकुड़ी
चौंदकोट तेरी ज्वानी
बद्रीनाथ सैनी मुखोडि
खुट्यूं मा खुट्यूं मा ऋशिकेष बसयुंचा
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
ओ तेरु ..बाकि बाक रूप कमयु च ...
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
उत्तराखंडी गीत है
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चलचित्र के नीचे गीत लिखा है बस
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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बरखा चुप व्हैजा
स्वर प्रीती रणाकोटी, गुंजन डंगवाल
गीत शांति भूषण
धन्यवाद अमित सागर
संगीत सुमंत पंवार
एल्बम गंजो मेरा गोँ कि
लेबल MGV DIGITAL

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ना बारखि बरख ना बारखि
ना बारखि रणुमणुम झणुमणुम कैकि चुप व्हैजा

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण

भौल सुबेर मिल दूर चली जाण
ऊँकी अनवर मिल कै मा खोजाण

मेल्दी आँखि मेल्दी आँखि आंसूधारा बगेना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड

ऊँ का बाना करर्युं साज सिंगार र
अरे थोत ख्याल जरा बरखा रिसाड

परीत माया परीत माया अध बाटा छुपै ना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैजा

ईकुली बिंदूल सुर मा पंधेर बगीगे
खिलियु खिलियु रूप रंग और सजीगे

कुंगली गात स्युंदी फूंदी रुझिगे
जल्मो जल्मो की तिस बुझिगे

रणुमणुम झणुमणुम
रणुमणुम झणुमणुम लगि रै रुकी ना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना

बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना

उत्तराखंडी गीत है
बरखा हाथ जोड्यां मेरी दगड्या चुप व्हैना
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

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ध्यानी प्रणाम
जय हिन्द जय उत्तराखंड
आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
पहाड़ हूँ मैं स्थिर चुप चाप अपने में खड़ा रहता हूँ
आते हैं जो मेरे पास उन सबको मैं अपना कर लेता हूँ
सुखद अनुभूति हो उन्हें उनके दुःख थोड़े समय हर लेता हूँ
कदम बड़े मेरी तरफ उनके शीश को गर्व से तान देता हूँ
झुकना ना सीखा मैंने अडिग अचल मेरा खुला स्वभाव है
शांति का मार्ग ही मेरा प्रशस्त और नित बहता विशवास है
नदियों ने सीखा बहना मुझसे हवाओं का तोड़ा मैंने अहंकार है
मेरा ना कोई तह यंहा पर समंदर का भी तो किनारा साथ है
मीलों यंहा ख़ामोशी छाई आत्मा को परमात्मा का मिला ज्ञान है
अपने ही और अपनों के कारण ही आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
पहाड़ हूँ मैं स्थिर चुप चाप अपने में खड़ा रहता हूँ
आते हैं जो मेरे पास उन सबको मैं अपना कर लेता हूँ
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
उत्तराखंडी भाषा को बढ़वा देने के लिये
कविता बालकृष्ण डी ध्यानी को
आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
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