नेगी जी ने इस गीत में प्यार का वर्णन किया है की किसकी माया ज्यादा है नेगी जी के इन बोलों मैं ओ मिठास है जिसको सुनकर ,दो दिलों की तार झनझनाते है , यही है दो दिलों की दास्तान ,इन बोलों को अपने सुरीली आवाज दी है नरेंद्र सिंह नेगी और रेखा धस्माना ने
हे गंगा जी की औन्त हे गंगा जी की औन्त ,
कैकी माया घनाघौर ,तराजू न तौली लेण
कैकी माया भौत तराजू न तौली लेण हो
हे झंगौरा की घाण, जैकी माया घनघोर ,
अंखियों मा पछाण, जैकी माया घनाघौर हो
हे सड़कों का घूमा ,हे सड़कों का घूमा
सदानी नि रेंदू सुवा ,सदानी नि रेंदू सुवा
जवानी की धुमा , सदानी नि रेंदुं सुवा हो
भैरा रींगी भैराक भैरा रींगी भैराक
तरूणी उमर सुवा ,बथोंसी हराक, तरूणी उमर सुवा हो
हे घुघूती कु घुला , घुघूती कु घोला
मनखी माटु हेवे जांदू रही जांदा बोल , मनखी माटु हेवे जांदू हो
हे गौडी कु मखानम हे गौडी कु मखान
दुनिया न मरी जाण दुनिया न मरी जाण
क्या लिजाण यखान दुनिया न मरी जाण हो
हे गंगाजी की औन्त , कैकी माया घनाघौर तराजू न तौली लेन कैकी माया भौत
तराजू न तौली लेन
यम यस जाखी