"यू ए ई कौथिग 2010"
7 जनवरी 2010, दुबई, यूएई
आज जैसे उत्तराखंड यू ए ई की सर जमी पर उतर आया हो। "यू ए ई कौथिग 2010" रामदा कोन्टिनेंटल, डेरा दुबई में बडे उत्साह के साथ मनाया गया जिसे उत्तरांचली एशोसियेशन आफ एमीरात ( यू ए ई ग्रुप ) ने आयोजित किया था। जिसका उद्देश्य था, यू ए ई मे रह रहे देवभूमि के लोगो को एक मंच पर लाना, अपनी संस्कृति से जोडना तथा "फाउंडेशन शुरुआत" के साथ मिलकर देवभूमि मे रह रहे भाई बहनो के विकास के लिये सम्मिलित प्रयास करना। दुबई, आबु धाबी, शारजाह व अन्य एमीरात मे रहने वाले अधिकतर उत्तराखंडी मूल के लगभग 500 लोग इसमे पूरे उत्साह व अपनेपन से शामिल हुये।
शुरआत हुई लोगो को उत्तराखंड के बारे मे जानकारी देकर जिसे प्रियका चंदोला एवम तपस्या रावत ने बडी खुबसूरती के साथ प्रस्तुत किया। सभी मौजूद लोगो ने अपनी जडो की याद ताजा की तथा भावनात्मक रुप से उत्तराखंड पहुंच गये। ईशा थपलियाल ने "फाऊंडेशन शुरुआत" के मकसद और कार्यो से लोगो को रुबरु करवाया। ईशा ने मौजूद लोगो को बताया कि यू ए ई ग्रुप कैसे इसके साथ जुडा हुआ है तथा कैसे एक आम आदमी इससे जुड कर अपने लोगो की मदद कर सकता है। इसके पशचात यू ए ई ग्रुप के सद्स्य श्री प्रतिबिम्ब बडथ्वाल एवम श्री दीपक ध्यानी ने यू ए ई ग्रुप की स्थापना का कारण एवम उद्देश्यो से लोगो को अवगत कराया। पिछले एक साल मे जो भी कार्य इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये किये गये उनका उल्लेख किया। सभी भाई बहनो को इससे से जुडने का न्योता दिया और यू ए ई में उत्तराखंड की एक पह्चान के उद्देश्य को बताया।
यह सांस्कृतिक आयोजन सभी उत्तराखंड से संबन्ध रखने वालो को एक साथ जुडने के मकसद से किया गया था। नन्हे मुन्ने बच्चो ने फूलो के गुल्दस्ते मेहमान गायको को भेंट कर संगीत के इस कार्यक्रम की शुरुआत की। ग्रुप की महिला साथियो ने पाराम्परिक मांगल गीत( मंगल गीत) "देणा हुँया खोली का गणेशा" गा कर शुभकार्य की शुरुआत की। फिर जैसा कि विदित था जागर सम्राट व सर्वश्रेष्ठ कलाकार एवम गायक प्रीतम भर्तवान जी ने अपने जागर व गीतो से समा बांध दिया। पहले गीत से ही लोगो ने थिरकना शुरु कर दिया। यही उनकी खासियत है। देवभूमि की स्वर सम्राज्ञी मीना राणा, प्रसिद्ध कुमांउनी लोकगायक शिवदत्त पंत एवम प्रतिभाशाली हरफन्मौला संगीता ढौढियाल ने भी अपने गीतो से मौजूद सभी लोगो को पहाडो की यादो मे भेज दिया। सभी आये लोगो ने हर पल को अपनी आंखो व कैमरे के जरिये कैद किया। कार्यक्रम में गढवाली व कुमांऊनी गीतो का समावेश इस प्रकार था कि उत्साहित सभी लोगो ने नृत्य कर व थिरक कर अपनी खुद (याद) मिटाई। अपनी देवभूमि से आये गायको की नज़दीक से एक झलक पाने के लिये लोगे आतुर थे। कुछ लोग उनके साथ तस्वीर व हाथ मिलाने मे कामयाब रहे। उत्तराखंड की ये सांस्कृतिक तस्वीर लोग हमेशा याद रखेगे।
आबु धाबी से आये आयुष भंडारी ने गढवाली गीत "ता झुमा ता झुमा" गा कर अपने पहचान बनाई वही तनुज राना ने अरेबिक डांस व आयुशी नेगी ने गढवाली गीत " मेरी सौदड़्या" पर डांस करके सांस्कृतिक आयोजन मे चार चांद लगा दिये। इन बच्चो ने जंहा एक ओर अरेबिक डांस करके अन्य संस्कृति को सहारा वही गढवाली गानो पर डांस कर के अपनी संस्कृति व अपनी जडो के प्रति अपने लगाव को भी स्थान दिया।
यूएई टीम के सदस्यो ने बताया कि वे और उनकी टीम येसे ही कार्यक्रम और अन्य संदेशयुक्त समारोह आगे भी करेगे और सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास करेगे। टीम के सद्स्यो द्वारा किया गया सम्मिलित प्रयास रंग लाया और सभी ने इसे सराहा। जंहा एक ओर दुबई से गढवाली - कुमाऊनी एक मंच पर आये वंही बडी संख्या मे दुबई से 150 किलोमीटर दूर स्थित आबू धाबी से 100 से भी अधिक लोग बस द्वारा कुछ अपने अपने वाहनो से दुबई पहुंचे। उतरी एमीरात, एवम ओमान, दोहा तथा बहरिन से भी उत्तांरचली अपनी संस्कृति व अपने लोगो के साथ खडे रहने के लिये उपस्थित थे। अपने लोगो को जोडने, उत्तरांचल समाज की पहचान बनाने तथा ग्रामीण भाई बहनो की मदद करने के प्रयास मे सारे गढवाली - कुमाऊनी भाई बहन ही नहीं बल्कि ओद्दोगिक जगत से साइमन गल्फ, इंडसइंड बैंक, बेल्होल स्पेश्यल्टि अस्पताल, रिवोली आई ज़ोन , फ्रियेन्ज़ी फ्लोरा ट्रेडिग तथा प्लानेट टूर एवम ट्रेवल ने भी भरपूर सह्योग दिया और "य़ूएई कौथिग 2011" को इससे भी बडे स्तर पर सहयोग देने का वचन दिया।
प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल
(टीम यूएई ग्रुप)