उत्तराखंड की लड़कियां अब शादी के लिए आए दूल्हों के जूते नहीं चुरातीं बल्कि उनसे अपने मैत यानी मायके में पौधे लगवाती हैं. इस नई रस्म ने वन संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक समरसता और एकता की एक ऐसी परंपरा को गति दे दी है, जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. पेड़ लगाने का यह आंदोलन अब उत्तराखंड सहित देश के आठ राज्यों में भी अपने जड़ें जमा रहा है.
कनाडा, थाईलैंड, चीन, नार्वे, अमरीका, नेपाल जैसे देशों ने भी इस महान प्रथा को अपना कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है.
इस आंदोलन के बारे में पढ़ें प्रसून लतांत का लेख -
http://raviwar.com/news/58_maiti-uttarakhand-prasunlatant.shtml