"मौजूदा दौर में हिमालय बचाने और हिमालय बसाने की चुनौती"
प्रखर समाजवादी चिन्तक और उत्तराखंड राज्य के शिल्पी स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी का पहाड़ के सांस्कृतिक, राजनितिक और आर्थिक विकास के बारे में अपना अलग चिंतन रहा है. यह आयोजन स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी जी की चौथी पुण्य तिथि पर एक स्मृति व्याख्यानमाला की शुरुआत है. इसमें हिमालय के तमाम सवालों को विषय विशेषग्यों के मध्यम से उठाने की कोशिश की गयी है।
यह आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब मध्यं हिमालय में विकास का विनाशकारी मॉडल इसके अस्तित्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. आज हिमालय को बचाने से पहले उसे बसाने की जरुरत है जब पहाड़ ही नही रहेंगे तो बचायेंगे किसे? इसी चिंतन पर केन्द्रित है यह व्याख्यानमाला. पहाड़ में एक नारा लगाया जाता था हिमालय रूठेगा, देश टूटेगा. आज यही नारा उससे ज्यादा प्रासंगिक हो गया है. उम्मीद है कि सभी विशेषज्ञ इस आन्दोलन को आगे बदायेंगे।
प्रखर समाजवादी चिन्तक और उत्तराखंड राज्य के शिल्पी स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी तथा महान स्वतंत्रता सेनानी श्री श्रीदेव सुमन जी की याद में, इस व्याख्यानमाला में हम सभी को सादर आमंत्रित करते हैं. कृपया कार्यक्रमानुसार पधार कर अपनी गौरवमयी उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाएं.
कार्यक्रम
दिनांक : ३० अगस्त २००८, शनिवार
समय : १२ बजे
- स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी के व्यक्तित्व और क्रृतित्व का स्मरण
- स्व. श्रीदेव सुमन जी और स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी पर पोस्टर का विमोचन
दिनांक : ३१ अगस्त २००८, रविवार
समय : प्रातः १० बजे से शायं ५ बजे तक
"मौजूदा दौर मैं हिमालय बचाने और हिमालय बसाने की चुनौती" विषय पर व्याख्यानमाला
भोजनावकाश : १ बजे से २ बजे तक
स्थान : कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज सभागार द्वाराहाट, अल्मोड़ा
उत्तरापेक्षी:
चारू तिवारी, संयोजक, मोबा: 9717368053
पुष्पेश त्रिपाठी, विधायक, मोबा: 9412906516
दयाल पाण्डेय, संयोजक, मोबा: 9212692291
Community Relationship Team
Creative Uttarakhand Myor Pahad
Contacts: 9212692291, 9873630764, 9810077696, 9811006466, 9868331638.