Author Topic: Name of Uttarakhandi Social Groups- उत्तराखंड की समाजिक संस्थाए  (Read 78281 times)

हेम पन्त

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Free Ambulance Service in Delhi by Uttarakhand Lok Manch
« Reply #40 on: April 03, 2010, 01:27:13 PM »
सराहनीय प्रयास

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Devbhoomi,Uttarakhand

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दिनांक 18, अप्रैल, 2010
प्रेस-विज्ञप्ति

नई दिल्ली: गढ़वाल हितैषिणी सभा ( पंजि0) की तदर्थ समिति ने दिनांक 18 अप्रैल, 2010 को प्रात: 10:00 बजे सभा भवन में सभा की महासमिति की एक विशेष बैठक का आयोजन सभा भवन में किया। महासमिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान तदर्थ समिति के संयोजक श्री मनमोहन बुड़ाकोटी ने कहा कि सभा के कुछ पूर्व पदाधिकारियों ने के गलत कारनामों के कारण आज सभा का अस्तित्व ही संकट में आ गया है। तदर्थ कमेटी ने विगत छ: माह में कई कार्य करने का प्रयास किया। सभा के पूर्व महासचिव एवं वर्तमान तदर्थ समिति के सदस्य श्री महादेव प्रसाद बलोनी ने श्री बुड़ाकोटी के वक्तव्य को पढ़कर सुनाया। श्री बलोनी ने सर्वप्रथम विगत 7 नवम्बर, 2009 को सम्पन्न महासमिति की मिनिट~स को अनुमोदन महासमिति से करवाया। तदुपरांत पठित भाषण में कहा कि सभा के पूर्व महासचिव श्री केदार सिंह, पूर्व वरिश्ठ उपाध्यक्ष श्री आशाढ़ सिंह अधिकारी, पूर्व उपाध्यक्ष श्री खेमराज कोठारी, एवं श्री ज्ञानचन्द रमोला पूर्व कोशाध्क्ष द्वारा सभा की गरिमा के खिलाफ रजि’टार कार्यालय में पत्र लिखकर कहा कि या तो सभा का कार्यभार उन्हें सौंपा जाए अन्यथा सभा भवन में रिसीवर बिठाया जाए। श्री विक्रम सिंह अधिकारी द्वारा पूर्व में सभा के खिलाफ की गई कार्यवाही यथा सेलवाले को फायदा पहुँचाने के लिए की गई कटिंग आदि के कारण महासमिति में कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में उक्त सभी पांचों सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव रखा।

उक्त महासमिति में महासमिति की ओर से जो दो प्रस्ताव आये यथा प्रथम वर्तमान तदर्थ समिति का कार्यकाल 6 मई 2010 से अग्रिम छ: माह के लिए बढाने का प्रस्ताव पास किया गया। उसके बाद सभा के खिलाफ कार्य करने के लिए सभा के पूर्व पदाधिकारियों सर्वश्री पूर्व महासचिव श्री केदार सिंह, पूर्व वरिश्ठ उपाध्यक्ष श्री आशाढ़ सिंह अधिकारी, पूर्व उपाध्यक्ष श्री खेमराज कोठारी, एवं पूर्व कोशाध्क्ष  श्री ज्ञानचन्द रमोला एवं पूर्व अध्यक्ष विक्रम सिंह की महासमिति की आजीवन सदस्यता अनिचित काल के लिए समाप्त करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पास किया गया। उक्त प्रस्ताव सभा के वरि’ठ सदस्य एवं वर्तमान तदर्थ समिति के उप-संयोजक श्री प्रताप सिंह असवाल ने सदन में रखे। सभा सदस्यों ने भारी घ्वनिमत से उक्त प्रस्तावों को पास किया।

अन्त में संयोजक श्री मनमोहन बुड़ाकोटी ने सभी सदस्यों का महासमिति की विशेष बैठक में पधारने के लिए धन्यवाद किया। इसके साथ ही महासमिति की विशेष बैठक समाप्त हुई। महासमिति के सदस्यों में खासकर महिलाओं की उपस्थिति पहली बार आशा से कहीं अधिक थी। कुछ  सोरसराबे को छोड़कर सभा की विशेष महासमिति की बैठक   भांति पूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई।

 

भवदीय

( मनमोहन बुड़ाकोटीद )
संयोजक

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Garhwal Bhratri Mandal ( more than 75 yeras old orgnization)
60 Garhwal Darshan
Natwar nagar raod -1
Jogeshwari (east)
Mumbai 400060

Bhishma Kukreti

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Shri Gadhdeshiy Mitr Mandal
21 saptkiran Society
Nehru Nagar Char rasta
Shri Sahja Nand Road, Amba badi,
Ahmedabad 380015
Ph -079-26308326

Bhishma Kukreti

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Uttaranchal Sanskritik Sangathan
C-4 Trimurti Society , New Rama Road
Baroda, 8

Bhishma Kukreti

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Uttaranchal Vikash Parishad
205, Omkar  Chember
Opp Railway station
Surat Ph- 0261 27441305

Bhishma Kukreti

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Akhil Bhartiy Garhwal Sabha
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Devbhoomi,Uttarakhand

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गांधी के सपने साकार कर रही संस्था
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घनसाली(टिहरी)। एक ओर जहां गैर सरकारी संस्थाएं धरातल के बजाए कागजों में ही काम कर सरकारी धन को ठिकाने लगा रही हैं, वहीं टिहरी जिले में भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार स्थित लोकजीवन विकास भारती संस्था गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार कर रही है। संस्था में निर्धन बच्चों को कक्षा एक से आठ तक की बुनियादी शिक्षा के अलावा क्षेत्र की महिलाओं व युवाओं को सिलाई, बुनाई आदि का प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाता है।

 यही नहीं क्षेत्र के कई लोगों को भी यहां पर रोजगार मिल रहा है। साथ ही नहीं इस संस्थान ने यहां पर 25 किलोवाट की पन बिजली भी तैयार की जा रही है, जो आश्रम को रोशन करती है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गांधीवादी विचारधारा के बिहारी लाल ने वर्ष 1977 में इस संस्था की स्थापना की थी। यहां पर संस्था ने स्वयं निर्मित प्रोजेक्ट से 25 किलोवाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसका उपयोग संस्था के आश्रम में किया जाता है। घनसाली कस्बे से 28 किमी दूरी पर बालगंगा नदी के तट पर पिछले 30 वर्ष से भी अधिक समय से संस्था द्वारा महिलाओं को रोजगारपरक शिक्षा के साथ-साथ काष्ठकला का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है

 तथा कई लोगों को विभिन्न कार्यो के माध्यम से रोजगार से जोड़ा गया है। कृषि, कुटीर उद्योग, उद्यानीकरण के साथ-साथ कई नाली भूमि पर दर्जनों प्रजाति के फल आम, अखरोट, माल्टा, मौसमी, खुमानी, आड़ू तथा तथा विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटी के जरिए लोगों को रोजगार मिल रहा है।

इसके अलावा शिक्षा की अलख जगाकर इससे गांव-गांव तक जोड़ने का प्रयास किया गया। कई जरूरतमंद हाथों को जहां रोजगार दिया गया है वहीं निर्धन छात्रों, अनपढ़ महिलाओं को यहां शिक्षा दी जाती है। दूर-दराज गांव के बच्चे यहां शिक्षण ग्रहण करने के लिए आते हैं। पिछले कई सालों से संस्था इस कार्य में जुटी है, लेकिन आज तक उसने कभी अपना प्रचार-प्रसार नहीं किया है।
 संस्था ने नि:स्वार्थ भाव से कार्य किया जा रहा है। संस्था के संस्थापक बिहारी लाल व प्रबंधक बावन सिंह बिष्ट का कहना है कि आश्रम में चार संभाग हैं। इसमें रचना भारती, ग्राम भारती, जीवन भारती तथा श्रम भारती हैं तथा सभी संभागों का अपना अलग-अलग कार्य है। उन्होंने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य लोगों को रोजगारपरक शिक्षा देना व उन्हें स्वावलम्बी बनाना है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6703966.html

 

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