मै भी कुछ sunata hu, बहुत dinu से सोच रहा था की सुनाने की आज टाइम मिला है
वैसे मै bachpan मै बहुत सांत बच्चा हुआ करता था, इसलिए मेरा नाम भी मुन्ना रख दिया था. मेरा cousin आज भी मुझे चिडाता है और कहता है की बचपन मै जब इसको कहो की "मार्लो हा तोस" तो कहता था "क्याकि मारला, की करिछ मैले, के गलती हो गैछी मेरा कया"
पर फ़िर भी कुछ सरारत की किस्से याद आते है, हमारे पड़ोस मै एक लड़का रहता था वो मेरे से २ साल बड़ा था, उसकी और हमारी (मेरी एंड मेरे भाई की ) लड़ाई होती रहती थी, लेकिन हम दोनु भाई उससे डरते थे मै ज्यादा ही darpook था वैसे आज भी हु, इसलिए हम उस से लड़ाई avoid करते थे, लेकिन kabhi शहर (पिथोरागढ़ main city se) मेरा cousin आता था तो हम उसकी आड़ मै लड़ाई करते थे उससे, although मुझे डर लगी ही रहती थी, तो एक बार cousin आया हुआ था, हमने लड़ाई करने का प्लान बनाया और उसके लिए लाल मिर्च का powder बनाया, जैसे ही लड़ाई शुरू हुए झट से मैंने उसकी eyes की तरह पाउडर उछाल दिया, डरा हुआ तो था ही मै, मेरा निशाना चूक गया, और पूरा पाउडर उसकी कमीज मै गिर गया और पाउडर की थैली भी मेरे हाथ से गिर गई, ये कर के हम अपने घर की तरफ़ को भागे और वो अपने घर की तरफ़ को, हमने उसको भागते हुए देख के राहत की सास लियी, और हमें लगा की वो हम से डर गया है बड़े खुश हुए, पर हमारी खुशी की उमर ज्यादा नही थी, तब तक पीछे से देखता हु की वो हाथ मै बड़ी से बन्याश (तलवार type ki ) ले के मेरी तरथ ही आ रहा था, उसके बाद तो जो हम टीनू ने अपने घर की तरह को दौड़ लगायी है , घर पहुच के ही रुका.
आज सोचता हु अगर उस दिन उसकी आंखू मै मिर्च पाउडर पड़ गया होता तो ना जाने क्या हो जाता, या उसके हाथ हम पड़ गए होते तो पता नही zinda भी होते या नही, तब मेडिकल facilities भी तो इतनी ज्यादा नही हुआ करती थी. लास्ट मै सबको बता दू की आज वो मेरा अच्छा दोस्त है, wiase रिश्ते मै मेरा काका (चाचा) लगता है वो, pithoragarh mai Dainik jargarn new paper mai reporter hai (Shri Bhakt Darsan Pandey)