क्या थी बीते दिनों पहाडो की जिन्दगी : LIFE OF GONE DAYS IN PAHAD
दोस्तों,
आज यहाँ पर हम पहाड़ के उस समय की बात करेंगे और उन परम्पराओं की चर्चा करंगे जो आधुनिकता की दौर समाप्त हो चुके है! हम पहाड़ के उन पहलों पर भी नजर डालेंगे जब पहाडो मे बहुत सी जन सुविधाए नही जी और लोग किस प्रकार अपना जीवन यापन करते थे !
इस विषय हम दो column बना रहे है
बीते दिनों का पहाड़
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आज का पहाड
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I am sure we will be to compare some changes that which have taken place in race of modernization. As the coomn tendecy of human is to run after comfort, happiness etc, in this race we forget our past too.
By sharing the some old facts of pahad, you will come know how people used to lead life in extreme geographical conditions.
एम् एस मेहता