पिथौरागढ़। सीमांत जिले की मोबाइल फोन सेवा रामभरोसे चल रही है। फोन न मिलना अब सामान्य बात हो गयी है, सेवा में व्यवधान के लिए विभाग तमाम कारण गिनाता रहता है,लेकिन मुख्य कारण को विभाग व्यवधान आने पर हर बार छुपा ले जाता है। जिले में कुल मोबाइल संयोजनों के तीन प्रतिशत चैनल भी उपलब्ध नहीं है और यही व्यवधान का सबसे बड़ा कारण है।
उल्लेखनीय है कि सीमांत जिले में मोबाइल फोन सेवा शुरू हुए आठ वर्ष का लम्बा समय बीत चुका है। इन आठ वर्षो में जिले में मोबाइल फोन सेवा की संख्या तीस हजार का आंकड़ा पार कर गयी है, लेकिन पूरे जिले टावरों की संख्या कुल 15 है। हर मोबाइल टावर से 60 चैनल संचालित होते है। इस तरह जिले में कुल 900 चैनल वर्तमान में उपलब्ध है। दूरसंचार विभाग के मुताबिक एक हजार मोबाइल फोन संचालन के लिए दो पीसीएम जरूरी है। यानी एक टावर से अधिकतम 1000 मोबाइल फोन संचालित हो सकते है। जिले में लगे कुल 15 मोबाइल टावरों की क्षमता 15000 मोबाइलों को संचालित करने की है, जबकि जिले में इस समय तीस हजार मोबाइल फोन संयोजन है है। वर्तमान जरूरतों को देखते हुए पन्द्रह और टावर लगाये जाने की जरूरत है। पन्द्रह नये टावर लगाये गये बगैर व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश नहीं है। विभाग के मंडलीय अभियंता फोन्स केएस गुंज्याल का मानना है कि व्यवस्था में सुधार के लिए नये टावर लगाये जाने जरूरी है। नये टावर लगाकर ही सेवा में सुधार हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में नये टावर लगाने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। नये टावर लगाने की जिम्मेदारी अलग इकाई के पास है। इसी कारण नये टावर लगने में देरी हो रही है।