पहाड़ो मे बदला क्या है कुछ नहीं क्या इसी राज्य का सपना था यही है हमारा पर्वतीय राज्य एक ढंग का अस्पताल नहीं , हर गाव मे आज भी सड़क नहीं पानी के लिये आज भी लोग दूर - दूर तक जाते है , हैंडपंप पर लोगो की भीड़ और न जाने क्या क्या ........................ कुछ बदला तो वो नेताओ के बडे - बडे बैनर जिसमे अपना बखान एक दुशरी पार्टी पर तोहमत लगाना और जनता को गुमराह करना |
घर से आते समय मैने via हल्द्वानी रास्ता चुना उसमे मलबे का डर तो नहीं लेकिन लोहाघाट से आगे निकलते ही रास्तो मे ये बडे - बडे गड्ढे , सड़क का हाल बद से बदतर जबकि उस रास्ते पर सिक्खों का पवित्र धाम रीठा साहिब और माँ वाराही का देवीधुरा धाम .................... ये है हमारा प्रयटन जिसको हमारी सरकार बढावा दे रही है | मैने personally कुछ लोगो से बात करी जो रीठा साहिब से आ रहे थे और लोहाघाट के पास लंगर डाला हुआ था उन लोगो का यही कहना था की सड़क के हालात बहुत ख़राब है, पानी की व्यस्था नहीं , उनमे जयादातर लोग punjab के थे वो लोग वहा जाके क्या कहंगे की ................................ क्या यही हमारा पर्यटन विकाश हो रहा है ................... शायद ?