मैं भी गाँव गयी थी
मैंने वह पे काफी कुछ देखा
सबसे पहले तो मैंने देखा की सडको पर काफी काम चल रहा है , पहले मैं गाँव जाती थी तो सड़के काफी ख़राब हालत में दिखती थी लेकिन इस बार टनकपुर से लेकर लोहाघाट की सड़क में हर मोड़ पर १२-१३ आदमी काम पर लगे है देख के काफी अच्छा लगा
और लोहाघाट से लेकर मेरे गाँव तक्क की सड़क में भी काफी सुधार आया है सड़क को पक्का बनाया जा रहा है..डामर की रोड बनायीं जा रही है.
गरीबी में कोई सुधार नहीं है वहा भी लोग महंगाई की मार से बचे नहीं है !!!! महंगाई से लोग बहुत परेशां है , लेकिन वहा पे अपनी खेती होने से काफी कुछ मिल जाता है.
गाँव की औरते भी अब्ब काम करने लगी है, ८०% औरतो को मैंने काम करते हुए देखा कोई पत्थर को ढोता है तो कोई नर्सरी में जाकर आलू की गुड़ाई करता है प्रतिदिन का वे सब १०० रुपए कमाती है ...अब्ब पहाड़ की औरते भी किसी से कम नहीं है, वेह अपना घर चलने क लिए ये सब काम करती है
गाँव के बच्चो का तो बुरा हाल है छोटे छोटे बच्चे घुठका, तम्बाकू खाते है , स्कूल बहुत कम जाते है और दिन भर आवारा गर्दी करते है काफी बुरा लगता है ये सब देख के ..सभी की हाथो में मोबाइल नजर आते है.