Author Topic: Share Informative Articles Here - सूचनाप्रद लेख  (Read 282579 times)

Parashar Gaur

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« Reply #180 on: December 23, 2008, 07:32:46 AM »
भारतीय काल गणना
 
सिद्धांत जोतिषी को एस्टानोमी कहा जाता है ! इसके ग्रंथो में सूर्य ग्रन्थ एक मह्तुवापूर्ण ग्रन्थ है ! इसके प्रथम अध्याय में काल गणना का विस्तार से वरण हुआ हे !   जों इस प्रकार से है !
      पृथ्वी सूर्य चंदर तथा नक्षत्रो की गति के अनुसार चार प्रकार के दिन होते है !
       २४ घंटे  के चाकर को ( एक नक्षत्र के चकार अगले दिन पुनः क्रम को )   
       आहोरात्र  कहते है  ! 
      सूर्य उदय से लेकर अगले सूर्य उदय होने तक को सावन आहोरात्र कहते है !
      ३० नाक्षित्रक आहोरात्र का  =  १ महीना
      ३० सावन आहोरात्र  का  =एक सावन मास
      ३० तिथीओ का = एक चंदर मास
      १२ नाक्षित्रक मास का = एक नक्षत्र मास
      १२ सावन मास का = एक सावन वर्ष
      १२ चंदर वर्ष का =  एक चंदर वर्ष
      १२ सौर मास का =  एक दिव्या आहोरात्र होता  है 
      ३० दिव्या आहोरात्र का = एक दिव्यमास होता है
     १२ दिव्यमास  का = एक दिव्या वर्ष होता है
      १ दिव्यवर्ष में जिसमे  ३६० सौर वर्ष होते है
     १२००० दिव्यावर्षो की ३६० चत्तुर्युगी होते है (
        चत्तुर्युगी  जो =  ४३ लाख २० हज़ार वर्ष क होती है
     ( १ चत्तुर्युगी / महायुग  में  ४ युग होते है ! वो है कलयुग द्वापर त्रेता और सतयुग  )
 
      युगों की गणना....
 
           कलयुग में १२०० दिव्यवर्ष होते है कलयुग क कुल  काल ४ लाख ३२ हजार
         वर्ष का होता है जिसमे
        ३६ हज़ार वर्ष आदि संधि और ३६ हज़ार वर्ष अंत की संधि के होते है !
        त्रेता में ३६०० दिव्यवर्ष  होते है
        सतयुग में ४८०० दिव्यवर्ष होते है
         हरयुग के सुरू  और अंत में एक संधी होते है ! इन सभी युग में क्रमशः     
        २०० ,४००,६००,तथा ८००  दिव्यवर्ष  होते है
        ७१ महायुगों का एक मनवंतर होता है ! इसके सुरू  और अंतमे एक संधि   
\       होती   है जो एक सतयुग के  बराबर होते है !
       १४ या १५  मनवंतर संधियो का एक कल्प होता है
       १ कल्प जो १००० महायुग के बराबर होता है
       १ कल्प में ४ अरब ३२ करोड़  वर्ष होते है
        ( एक कल्प की अबधि ब्रह्मा के एक दिन के बराबर होते है ब्रह्मा की उम्र १००   
         ब्रह्म वर्ष की है  )
        ३० ब्रह्म आहोरात्र  का एक ब्रम मास होता है
       १२ ब्रह्म मास का १ बह्म वर्ष होता है
       अभी ब्रह्मा की उम्र का आध भाग बिता है  अभी तो उनकी उम्र का पहला कल्प
       है  इस  कल्प में ६ मंवत्र
       संधीय बीत चुकी है ! अभी तो कलयुग का २८ वा महायुग कलयुग चल रहा   
        है ! कयुग ३१०२ इ पू सुरू
       होआ अभी वर्तमान कल्प का १,९७,२९,४९,१११ वर्ष चल रहा है !
 
        पृथ्वी की  रचना 
 
         ब्रह्मा को   रचना करना में ४७,४०० दिव्यवर्ष लगे थे ! तभी सबंत सुरू
         होआ था  उसके अनुसार अगेर गणना करे तो १,१५,५८,८५,१११ वा वर्ष चाल     
         रहा है
                                                          पराशर गौर

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« Reply #181 on: December 23, 2008, 11:34:30 AM »

Great Sir.

Good article.

भारतीय काल गणना
 
सिद्धांत जोतिषी को एस्टानोमी कहा जाता है ! इसके ग्रंथो में सूर्य ग्रन्थ एक मह्तुवापूर्ण ग्रन्थ है ! इसके प्रथम अध्याय में काल गणना का विस्तार से वरण हुआ हे !   जों इस प्रकार से है !
      पृथ्वी सूर्य चंदर तथा नक्षत्रो की गति के अनुसार चार प्रकार के दिन होते है !
       २४ घंटे  के चाकर को ( एक नक्षत्र के चकार अगले दिन पुनः क्रम को )   
       आहोरात्र  कहते है  ! 
      सूर्य उदय से लेकर अगले सूर्य उदय होने तक को सावन आहोरात्र कहते है !
      ३० नाक्षित्रक आहोरात्र का  =  १ महीना
      ३० सावन आहोरात्र  का  =एक सावन मास
      ३० तिथीओ का = एक चंदर मास
      १२ नाक्षित्रक मास का = एक नक्षत्र मास
      १२ सावन मास का = एक सावन वर्ष
      १२ चंदर वर्ष का =  एक चंदर वर्ष
      १२ सौर मास का =  एक दिव्या आहोरात्र होता  है 
      ३० दिव्या आहोरात्र का = एक दिव्यमास होता है
     १२ दिव्यमास  का = एक दिव्या वर्ष होता है
      १ दिव्यवर्ष में जिसमे  ३६० सौर वर्ष होते है
     १२००० दिव्यावर्षो की ३६० चत्तुर्युगी होते है (
        चत्तुर्युगी  जो =  ४३ लाख २० हज़ार वर्ष क होती है
     ( १ चत्तुर्युगी / महायुग  में  ४ युग होते है ! वो है कलयुग द्वापर त्रेता और सतयुग  )
 
      युगों की गणना....
 
           कलयुग में १२०० दिव्यवर्ष होते है कलयुग क कुल  काल ४ लाख ३२ हजार
         वर्ष का होता है जिसमे
        ३६ हज़ार वर्ष आदि संधि और ३६ हज़ार वर्ष अंत की संधि के होते है !
        त्रेता में ३६०० दिव्यवर्ष  होते है
        सतयुग में ४८०० दिव्यवर्ष होते है
         हरयुग के सुरू  और अंत में एक संधी होते है ! इन सभी युग में क्रमशः    
        २०० ,४००,६००,तथा ८००  दिव्यवर्ष  होते है
        ७१ महायुगों का एक मनवंतर होता है ! इसके सुरू  और अंतमे एक संधि  
\       होती   है जो एक सतयुग के  बराबर होते है !
       १४ या १५  मनवंतर संधियो का एक कल्प होता है
       १ कल्प जो १००० महायुग के बराबर होता है
       १ कल्प में ४ अरब ३२ करोड़  वर्ष होते है
        ( एक कल्प की अबधि ब्रह्मा के एक दिन के बराबर होते है ब्रह्मा की उम्र १००   
         ब्रह्म वर्ष की है  )
        ३० ब्रह्म आहोरात्र  का एक ब्रम मास होता है
       १२ ब्रह्म मास का १ बह्म वर्ष होता है
       अभी ब्रह्मा की उम्र का आध भाग बिता है  अभी तो उनकी उम्र का पहला कल्प
       है  इस  कल्प में ६ मंवत्र
       संधीय बीत चुकी है ! अभी तो कलयुग का २८ वा महायुग कलयुग चल रहा   
        है ! कयुग ३१०२ इ पू सुरू
       होआ अभी वर्तमान कल्प का १,९७,२९,४९,१११ वर्ष चल रहा है !
 
        पृथ्वी की  रचना 
 
         ब्रह्मा को   रचना करना में ४७,४०० दिव्यवर्ष लगे थे ! तभी सबंत सुरू
         होआ था  उसके अनुसार अगेर गणना करे तो १,१५,५८,८५,१११ वा वर्ष चाल    
         रहा है
                                                          पराशर गौर


अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #182 on: December 24, 2008, 10:03:57 AM »
क्या होता है IMEI नंबर

IMEI नंबर 15 अंकों का कोड होता है जो प्रत्येक मोबाइल के साथ आता है और उससे हैंडसेट की यूनीक पहचान के बारे में पता चलता है। किसी भी हैंडसेट से जब कोई कॉल की जाती है या रिसीव की जाती है तो यह नंबर ऑपरेटर के नेटवर्क पर प्रदर्शित होता है, इससे सभी कॉल्स को ट्रैक किया जा सकता है।

IMEI नंबर चोरी रोकने में मददगार

मोबाइल ऑपरेटर इन सभी नंबरों को इक्विमेंट आइडेंडिटी रजिस्टर में रखते हैं। इस कारण अगर कोई हैंडसेट चोरी हो जाता है और मालिक हैंडसेट IMEI नंबर उपलब्ध करा सके तो ऑपरेटर उस डिवाइस से की जाने वाली सभी कॉल्स को प्रतिबंधित कर सकता है।

आतंकवाद रोकने के लिए जरूरी

अक्टूबर में दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को ईआईआर इंस्टाल करने को कहा था जिससे बगैर IMEI नंबर या सारे अंकों में शून्य IMEI नंबर वाली कॉल को रोका जा सके। यह कदम हाल में हुए बम विस्फोटों के बाद उठाया गया था। ब्लास्ट में जांच में पता चला था कि घटना में इस्तेमाल किए मोबाइल हैंडसेट्स में वैध IMEI नंबर नहीं था। एसोसिएशन ऑफ यूनीफाइड सर्विस प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एयूएसपीआई) के सदस्यों ने ईटी को बताया कि समयसीमा को और बढ़ाने के लिए इस सप्ताह वे दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #183 on: December 24, 2008, 02:35:46 PM »
IMEI नहीं तो, नो एंट्री

सरकार उन मोबाइल हैंडसेट्स के आयात को अब मंजूरी नहीं देगी जिनमें अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान नम्बर (आईएमईआई) नहीं होता। यह कदम देश में आने वाले चीन के हैंडसेट पर खासा असर डालेगा। संचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने ईटी को बताया कि सरकार ने सीमा शुल्क विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि केवल उन्हीं मोबाइल हैंडसेट के आयात की इजाजत दी जाए जिनमें IMEI नम्बर होता है।

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« Reply #184 on: December 26, 2008, 10:26:24 AM »
2.5 करोड़ मोबाइल फोन डिसकनेक्ट हो सकते हैं

आतंकवादी हमलों का आप पर ये इनडायरेक्ट असर है। 6 जनवरी को देश के ढाई करोड़ फोन डिसकनेक्ट किए जा सकते हैं। संचार मंत्रालय ने सभी टलिकॉम कंपनियों से कहा है कि जिन फोन में इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर यानी IMEI नंबर नहीं हैं, उन्हें डिसकनेक्ट कर दिया जाए।

क्यों होंगे मोबाइल फोन डिसकनेक्ट

IMEI नंबर में दरअसल 15 डिजिट्स होते हैं। इस नंबर को जीएसएम नेटवर्क पहचानता है। इससे चोरी किए गए हैंडसेट का इस्तेमाल रोका जा सकता है। पुलिस इस नंबर के सहारे किसी फोन के कॉल को ट्रैक कर सकती है। जब भी कोई कॉल की जाती है तो जीएसएम ऑपरेटर के नेटवर्क पर IMEI नंबर दर्ज हो जाता है।

कैसे डिसकनेक्ट किए जा सकते हैं नॉन IMEI फोन्स

संचार मंत्रालय ने कहा है कि सभी ऑपरेटर इक्विपमेंट आइडेंटिटि रजिस्टर से लैस हों, ताकि उन्हें ये पता चल सके कि कॉल जेनुइन हैंडसेट से की जा रही है। 6 अक्टूबर को ऑपरेटर्स को भेजे लेटर में कहा गया है कि जिन ऑपरेटर के पास ये फैसिलिटी नहीं है, वो जरूरी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ले लें। तीन महीने के अंदर ये काम कर लिया जाए और मंत्रालय को ये बताया जाए कि आदेश का पालन हो गया है।

कितने फोन्स पर गिर सकती है गाज

इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन का कहना है कि नॉन IMEI यानी नकली हैंडसेट इसलिए चल रहे हैं क्योंकि विदेश से आ रहे फोन का IMEI वेलिडेशन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। चोरी किए गए फोन का दोबारा इस्तेमाल रोकने का भी कोई बंदोबस्त नहीं है। ग्रे मार्केट में बिक रहे ज्यादातर फोन में IMEI नंबर नहीं है। अंदाजा है कि देश में ऐसे ढाई करोड़ से ज्यादा फोन हैं।

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« Reply #185 on: December 27, 2008, 10:31:04 AM »
दौड़ाते जाइए, ऐक्सिडंट के बिना दौड़ेगी कार

कुछ ही दिनों में सड़कों पर ऐक्सिडंट प्रूफ कारें दौड़ती नजर आएंगी। इसे कार निर्माता कंपनी वोल्वो बना रही है। ऐसा पहली बार है जब इस किस्म की कार लॉन्च हो रही है। इसमें राडार लगे होंगे और इनकी मदद से यह कार खुद ब खुद सड़कों पर फर्राटा भरेगी।

इस कार को अगले महीने डेट्रायट मोटर शो में प्रदर्शित किया जाना है। कार का मॉडल वोल्वो एस-60 रखा गया है। 2010 तक बाजार में यह कार आ जाएगी। कार में ऐसी तकनीक इस्तेमाल की गई है जिससे किसी अन्य चीज से टकराने की स्थिति में कार खुद ही खतरे को भांप लेगी। फिर खुद ही रुक जाएगी। यह काम कार में लगे राडार करेंगे। इस दौरान कार से एक फ्लैश होने के साथ साथ एक चेतावनी भरी आवाज भी निकलेगी। और खुद ब खुद ब्रेक लग जाएंगे।

Risky Pathak

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« Reply #186 on: December 27, 2008, 01:46:55 PM »
Know IMEI No. of Your Phone.

Type *#06# to know IMEI no of you phone

क्या होता है IMEI नंबर

IMEI नंबर 15 अंकों का कोड होता है जो प्रत्येक मोबाइल के साथ आता है और उससे हैंडसेट की यूनीक पहचान के बारे में पता चलता है। किसी भी हैंडसेट से जब कोई कॉल की जाती है या रिसीव की जाती है तो यह नंबर ऑपरेटर के नेटवर्क पर प्रदर्शित होता है, इससे सभी कॉल्स को ट्रैक किया जा सकता है।

IMEI नंबर चोरी रोकने में मददगार

मोबाइल ऑपरेटर इन सभी नंबरों को इक्विमेंट आइडेंडिटी रजिस्टर में रखते हैं। इस कारण अगर कोई हैंडसेट चोरी हो जाता है और मालिक हैंडसेट IMEI नंबर उपलब्ध करा सके तो ऑपरेटर उस डिवाइस से की जाने वाली सभी कॉल्स को प्रतिबंधित कर सकता है।

आतंकवाद रोकने के लिए जरूरी

अक्टूबर में दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को ईआईआर इंस्टाल करने को कहा था जिससे बगैर IMEI नंबर या सारे अंकों में शून्य IMEI नंबर वाली कॉल को रोका जा सके। यह कदम हाल में हुए बम विस्फोटों के बाद उठाया गया था। ब्लास्ट में जांच में पता चला था कि घटना में इस्तेमाल किए मोबाइल हैंडसेट्स में वैध IMEI नंबर नहीं था। एसोसिएशन ऑफ यूनीफाइड सर्विस प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एयूएसपीआई) के सदस्यों ने ईटी को बताया कि समयसीमा को और बढ़ाने के लिए इस सप्ताह वे दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #187 on: December 27, 2008, 02:51:37 PM »
उत्तराखंड सरकार टाटा को 45 एकड़ जमीन देगी

उत्तराखंड सरकार ने टाटा ग्रुप को राज्य के नैनीताल जिले के पंतनगर मे 45 एकड़ जमीन और देने का फैसला किया है। पंतनगर मे टाटा ग्रुप पहले से ही हल्के वाहन का निर्माण कर रही है और टाटा को राज्य सरकार ने वहां 955 एकड़ जमीन मुहैया करा रखी है।

राज्य के मुख्य सचिव इन्दु कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की अध्यक्षता मे हुई एक बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

उन्होने बताया कि टाटा द्वारा अधिक जमीन की मांग की गई थी। लेकिन यह 45 एकड़ जमीन उस करार के तहत दी गई है, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने टाटा के साथ किया था।

अरुण भंडारी / Arun Bhandari

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« Reply #188 on: December 31, 2008, 10:26:40 AM »
अल्मोड़ा और रानीखेत में चली नैनो

हलद्वानी: टाटा ने आखिरकार अपनी लखटकिया कार नैनो तैयार कर ली है। मार्च या अप्रैल से इसकी बुकिंग शुरु हो जाएगी। कंपनी ने सोमवार को इस कार की टेस्ट ड्राइव भी की जो मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में सफल साबित हुई है।

नैनीताल जिले के पंतनगर में बनने वाली टाटा समूह की लखटकिया कार नैनो को टाटा ने टेस्ट ड्राइव के लिए राज्य के देहरादून, अल्मोड़ा और रानीखेत की सड़कों पर उतारा। यह कार मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों के लिए भी सफल साबित हुई।

टाटा के पंतनगर के एंजिनियरिंग डिपार्टमंट के प्रमुख नागभूषण ने बताया कि तीन नैनो गाड़ियों को विभिन्न जिलों में टेस्ट ड्राइव के लिए सोमवार को भेजा गया था। उन्होंने बताया कि कंपनी अगले साल मार्च या अप्रैल से नैनो के लिए बुकिंग शुरू कर देगी।

पश्चिम बंगाल के सिंगूर में बीते दिनों नैनो कारखाने को लेकर जबर्दस्त विवाद हुआ था। बाद में टाटा को अपनी परियोजना वहां से हटा कर गुजरात ले जानी पड़ी थी। हालांकि उत्तराखंड के पंतनगर में भी नैनो के कुछ उपकरण बनाए जा रहे थे और उन्हीं के आधार पर कंपनी ने नैनो को टेस्ट ड्राइव के लिए सड़कों पर उतारा।

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« Reply #189 on: December 31, 2008, 12:40:38 PM »

That is great news bhandari ji. Pahado mi kitni chad payegi..

अल्मोड़ा और रानीखेत में चली नैनो

हलद्वानी: टाटा ने आखिरकार अपनी लखटकिया कार नैनो तैयार कर ली है। मार्च या अप्रैल से इसकी बुकिंग शुरु हो जाएगी। कंपनी ने सोमवार को इस कार की टेस्ट ड्राइव भी की जो मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में सफल साबित हुई है।

नैनीताल जिले के पंतनगर में बनने वाली टाटा समूह की लखटकिया कार नैनो को टाटा ने टेस्ट ड्राइव के लिए राज्य के देहरादून, अल्मोड़ा और रानीखेत की सड़कों पर उतारा। यह कार मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों के लिए भी सफल साबित हुई।

टाटा के पंतनगर के एंजिनियरिंग डिपार्टमंट के प्रमुख नागभूषण ने बताया कि तीन नैनो गाड़ियों को विभिन्न जिलों में टेस्ट ड्राइव के लिए सोमवार को भेजा गया था। उन्होंने बताया कि कंपनी अगले साल मार्च या अप्रैल से नैनो के लिए बुकिंग शुरू कर देगी।

पश्चिम बंगाल के सिंगूर में बीते दिनों नैनो कारखाने को लेकर जबर्दस्त विवाद हुआ था। बाद में टाटा को अपनी परियोजना वहां से हटा कर गुजरात ले जानी पड़ी थी। हालांकि उत्तराखंड के पंतनगर में भी नैनो के कुछ उपकरण बनाए जा रहे थे और उन्हीं के आधार पर कंपनी ने नैनो को टेस्ट ड्राइव के लिए सड़कों पर उतारा।

 

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