बिखोत कि विविधता
सरोज शर्मा कु जनप्रिय लेखन श्रंखला
बैशाखी क मतलब वैशाख माह क त्यौहार, ई वैशाख सौर मास क पैल दिन हूंद, बैसाखी वैशाखि कु ही अपभ्रंश च,
ऐ दिन गंगा नदी म स्नान कु भौत महत्व च,हरिद्वार और ऋषिकेश म ऐ दिन भारी मेला लगद,
बैसाखी क दिन सूर्य मेष राशि म संक्रमण करद, इलै ऐ थैं मेष संक्रान्ति भि ब्वलदिन,
ऐ पर्व थैं विषुवत संक्रान्ति भी ब्वलेजांद,
बैसाखी पारंपरिक रूप न 13 या 14 अप्रैल मा मनयै जांद,
यू त्यौहार हिन्दुओ, बौद्ध ,और सिखों खुण महत्वपूर्ण च,
वैशाख क पैला दिन सरया भारत का अनेक क्षेत्रो मा नववर्ष क त्यौहार जन जुड़ शीतल, पोहेला वैशाख, बोहाग बहुत,विशु, पुथ्नडु,मनयै जंदिन।
वैशाखी क पर्व कि शुरुआत भारत क पंजाब प्रांत से ह्वै, और ऐ थैं रबी कि फसल कि कटै शुरू हूणकि सफलता मा मनयै जांद,
पंजाब और हरियाणा क अलावा उत्तर भारत म भि वैशाखी कु भौत महत्व च,
ऐ दिन गेंहूं, तिलहन,,गन्ना आदि कि फसल कि कटै शुरुआत हूंद,
वैशाखी गुरू अमरदास द्वारा चुनै ग्या तीन हिन्दू त्यौहार मा एक च,जैथैं सिख समुदाय द्वारा मनयै जांद,
प्रत्येक सिख वैशाखी त्यौहार, सिख आदेश क जन्म क स्मरण च, जु नौवां गुरू तेगबहादुर क बाद शुरू ह्वै, जब ऊन इस्लाम धर्म परिवर्तन खुण इंकार कैर द्या, तब मुगल सम्राट औरंगजेब न ऊंक शिरच्छेद क आदेश दयाई, और शिरच्छेद करेग्याई,
गुरू कि शहीदी न सिख धर्म क दसवां गुरू या अंतिम गुरू क राज्याभिषेक और खालसा क संत सिपाही क गठन कैर, द्विया वैशाखी का दिन ही शुरू ह्वीं ।
क्षेत्रीय विविधता
केरल मा ई त्यौहार विशु ब्वलेजांद, ऐ दिन नया कपड़ा खरीदै जंदिन, आतिशबाजी हूंद, और 'विशु कानी ,सजयै जांद ऐ मा फल फूल, अनाज ,वस्त्र, सोना, आदि सजयै जांद, और सुबेर जल्दी ऐ का दर्शन कियै जांद, ऐ दर्शन से सुख समृद्धि कि कामना किये जांद।
बिखोरी उत्सव
उत्तराखंड म बिखोति महोत्सव मा पवित्र नदियों मा डुबकि लगाण कि प्रथा च,
ऐ लोक
प्रथा म प्रतीकात्मक राक्षसो थैं पत्थर मरणा कि परंपरा च,
ऐ दिन एक मैना से देली मा फूल डलण क समापन हूंद, और वसंत पंचमी सानि वरात क गीत, नाटक नृत्य रस्म भि समापन हुंदिन,
विशु
विशु वैशाखी क ही दिन केरल म हिन्दू नववर्ष मनयै जांद, और मलयाली महीना मेदाम क पैल दिन मनयै जांद ।
बोहाग बिहू
बोहाग बिहू या रंगली बिहू 13 अप्रैल म असमिया नववर्ष कि शुरुआत क रूप म मनयै जांद,
ऐथैं सात दिन खुण विशुव संक्रांति (मेष संक्रांति)वैशाख मैना या बोहग क रूप म मनयै जांद।
महा विषुव संक्रांति
ओडिशा मा ई नै साल क प्रतीक च,समारोह म विभिन्न लोकनृत्य और शास्त्रीय नृत्य शामिल हूंदिन,जनकि शिव संबंधित छाऊ नृत्य,
पाहेला वैशाख
बंगाली नै साल 14 अप्रैल म पाहेला वैशाख क रूप म मनंदिन, ऐ दिन पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, और बंग्लादेश मा मंगल शोभायात्रा क आयोजन किऐ जांद, ई उत्सव 2016 म यूनेस्को द्वारा मानवता संस्कृतिक विरासत क रूप मा सूचीबध्द किऐ ग्या।
पुत्थानडु
पुत्थानडु जैथैं पुथुवरूषम या तमिल नै वर्ष भि ब्वलेजांद, तमिल कलैंडर चिथिराई मास क पैल दिन च,
बिहार म जुरशीतल
बिहार और नेपाल क मिथिल क्षेत्र म नै साल जुरशीतल क रूप मा मनये जांद ई मैथली क पंचांग क पैल दिन च, परिवार म लाल चाणा सत्तू और जौ और अन्य अनाज से प्राप्त आटू से भोजन करयै जांद ।