अब ओ उद्वेलित करने वाले स्वर,
अब ओ जनगीतों की हुंकार,
अब नहीं सुनाई देगी ओ प्यारी बोली,
ओ बच्चों का जैसा अतुलित प्यार,
जीवन की तस्वीर और जीने का अंदाज,
आपका संघर्ष आपका सीधापन,
कर गए ओ सब एक पल सदिय करे इन्तजार,
आपकी सोच और आपका लेखन...
आपकी हर संघर्ष को दिल में बसा लेंगे,
आपके सपने को "गिर्दा" अपनी मंजिल बना लेगे,
खोने पाने की बात नहीं अब बस,
आपके सपने को पूरा कर ही दम लेंगे.....