Author Topic: Wild Animal Menace In Uttarakhand-उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों का आतंक  (Read 66885 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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kya hoga hamre pahaon ka or whan byteet karne wale logon ka, ek or kisaa samne aaya hai, ab podi garhwal main bhi jangli jaanvaron ka atank

जंगली जानवरों की दहाड़ से सहमे लोग



पौड़ी गढ़वाल। भालू की हम-हम और गुलदार की दहाड़ के साथ ही जंगली सुअरों का खेती पर हमले से गांव के लोग परेशान हैं। जंगली जानवर चार साल में अब तक 21 लोगों को अपना निवाला बना चुके हैं और 111 लोगों को घायल कर चुके हैं।

गढ़वाल क्षेत्र में 70 हजार हेक्टेयर में फैले 6 वन क्षेत्रों में गांवों की आर्थिकी व कृषि जुड़ी हुई है। घास, लकड़ी, कंद, मूल व फल आवश्यकता में शामिल हैं और ऐसे में वन्य जीवों से ग्रामीणों का अक्सर संघर्ष होता है। गुलदार, भालू व सूअर लगातार लोगों पर हमला बोलकर गांव की जिंदगी को दुश्वार किए हुए हैं।

सूअर तो खड़ी फसल को मसल रौंद रहे हैं। यही वजह भी है कि करीब 150 गांवों ने वन विभाग को लिखित पत्र सौंपा है कि सूअर ने उनकी फसल समाप्त कर दी है और ऐसे में उन्हें फसल का मुआवजा दिया जाए, लेकिन वन विभाग ने आज तक उन्हें पाई तक नहीं दी है। चार वर्षो में गुलदार ने 18, भालू ने 2 व जंगली सूअर ने 1 इंसान की जान ली है। वर्षवार देखें तो 2009 में 1, 2008 में 7, 2007 में 8, 2006 में 3 व 2005 में 2 इंसानों को जंगली जानवरों ने मारा है। इसी समयावधि में भालू, गुलदार व जंगली सूअर ने 111 लोगों को घायल किया है।

 प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल वन प्रभाग डीएन सेमवाल का कहना है कि यह घटनाएं ठीक नहीं है, लेकिन वन्य जीवों के आवास स्थलों में इंसानों की दखल अधिक बढ़ गई है। इससे ये हिंसक प्राणी मानव बस्तियों तक पहुंच रहे है।

उन्होंने कहा कि खेतों में काम करना भी अत्यंत आवश्यक है इसके लिए ग्रामीण समूह बनाकर खेतों में जाएं और हो-हल्ला कर पहले जंगली जानवरों को भगा लें फिर कार्य शुरू करे और सायं ढलने से पहले ही खेतों से लौट आएं तो हमलों से आसानी से बचा जा सकता है।

 उधर, पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली का कहना है कि पहाड़ी लोगों का जीवन जंगल व खेती से ही जुड़ा है। वन्य प्राणियों के हमले में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को सरकार को कम से कम पांच लाख का मुआवजा देना चाहिए।

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घास काटने गई बालिकाओं पर भालू का हमला, घायल

पौड़ी गढ़वाल। जंगल में घास काटते वक्त पोखरी गांव की दो बालिकाओं पर भालू ने हमला कर दिया। हमले में दोनों बालिकाएं घायल हो गई। उन्होंने उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भर्ती करवाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यालय से करीब 22 किमी. ब्लाक खिर्सू के पोखरी गांव निवासी सपना , पुत्री रणमललाल व सोनम , पुत्री स्व. राजू लाल घास लेने सुबह जंगल गई थी कि अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया। बालिकाएं शोर मचाकर बमुश्किल भालू के चंगुल से छूट कर गांव के रास्ते तक पहुंची।

इस बीच गांव के लोग भी चिल्लाने के आवाज पर मौके तक पहुंचे और भालू को शोर मचाकर खदेड़ दिया। बालिकाओं को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भर्ती करवाया गया है जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत खतरे से बाहर बताई है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6015881.html

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बेलुवाखान व वीरभट्टी क्षेत्र में बाघ का आंतक

ज्योलीकोट(नैनीताल): समीपवर्ती बेलुवाखान, वीरभट्टी, सरियाताल व गेठिया आदि क्षेत्रों में इन दिनों बाघ का आंतक व्याप्त है। जिससे ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में दुबक जा रहे हैं। शाम के वक्त ग्रामीणों को रोजमर्रा के कार्यो के लिए भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा स्कूली बच्चों को भी स्कूल आते-जाते वक्त बाघ का भय बना रहता है। ग्रामीण संजय चनियाल का कहना है कि विगत दिनों बाघ ने एक गाय पर हमला कर उसे मार डाला। उन्होंने वन विभाग से बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।

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बाघ ने बनाया दो मवेशियों को निवाला

(बागेश्वर)। कौसानी के कांटली, डूंगलोट, मौलीधार, सौली, डोबा-नौघर आदि गांवों में लम्बे समय से बाघ का आतंक बना हुआ है। रविवार को बाघ ने कांटली गांव में दो मवेशियों को अपना निवाला बना लिया। ग्रामीणों ने वन विभाग से प्रभावित परिवारों को मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग की है।

क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लम्बे समय से बाघ का आतंक बना हुआ है ग्रामीणों ने बताया कि बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय बना हुआ है सायं होते लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है साथ ही लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है बताया कि बाघ के आतंक के चलते महिलाएं खेतों में काम करने से घबरा रही है। बाघ ने कांटली गांव निवासी किशोर राम की दो गाभिन गायों को अपना निवाला बना लिया। कृष्ण सिंह बिष्ट, दीपक कांडपाल आदि ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग की है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6040590.html

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Nye saal ke aagaman par bhi jangli jaanvaron ka aatank

भालू के हमले में एक व्यक्ति घायल

अगस्त्यमुनि (रुद्रप्रयाग)। ग्राम सभा वीरोंदेवल के जंगल में भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर उसे घायल कर दिया।

प्रखंड अगस्त्यमुनि के वीरोंदेवल निवासी मातवर सिंह गांव की पचास महिलाओं के साथ जंगल में घास कटवाने गया था। घास काटते समय भालू अचानक महिलाओं के बीच में आ धमका। उसको देखते हुए कुछ महिलाएं चिल्लाने लग गई और कुछ बेहोश हो गई।

 इस पर मातवर सिंह ने भालू को भगाने का प्रयास किया तो भालू ने उस पर हमला कर उसे लहुलुहान कर दिया। यह देख महिलाओं ने शोर मचाया तो भालू भाग गया। महिलाओं ने अन्य ग्रामीणों के सहयोग से घायल मातवर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि भर्ती कराया।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6066434.html

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ek or dukhad ghtna

बाघ ने किशोर को बनाया निवाला

श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। क्षेत्र के लोस्तु गांव में एक किशोर को बाघ ने अपना निवाला बना लिया।

कीर्तिनगर विकासखंड के ग्राम तल्ली रिगोली के ग्राम प्रधान चतर सिंह भंडारी ने बताया कि शुक्रवार को गांव की शुभागा देवी पत्नी स्व. बलदेव सिंह प्रात: दस बजे अपने पुत्र राहुल (15 वर्ष) तथा बेटी को लेकर चारा पत्ताी लेने रिगोल गौड़खाल के जंगल गई थी। उनके साथ गांव की करीब आधा दर्जन अन्य महिलाएं भी थी। जंगल में सभी महिलाएं चारा पत्ती काटने लगी। इस बीच जंगल में घात लगाकर बैठे बाघ ने राहुल पर हमला कर दिया। राहुल की चीख सुनकर उसकी मां व अन्य महिलाएं मौके पर पहुंची और उन्होंने शोर मचाया।
 इस पर बाघ करीब बीस मीटर दूर झाड़ियों में राहुल को छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक राहुल दम तोड़ चुका था। बाघ ने किशोर के गले पर गहरे घाव किए थे। घटना की सूचना तुरंत प्रशासन को दी गई। इस पर नायब तहसीलदार बिरेन्द्र सिंह नकचवाल, कानूनगो सोवन ंिसंह बागड़ी तथा वन विभाग के रेंज अधिकारी एसपी सकलानी अपने कर्मचारियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6068768.html

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जनपद के कई गांवों में जंगली जानवरों का आतंक



बागेश्वर। जनपद के विभिन्न स्थानों में जंगली जानवरों के आतंक से जनता परेशान है। जंगली जानवरों द्वारा जहां काश्तकारों द्वारा की गई वर्ष भर की फसल को नष्ट कर दिया जा रहा है वहीं लोगों पर हमले भी किए जाने लगे है। ग्रामीणों ने वन विभाग से जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।

जनपद के गरुड़ के सिल्ली, मटेना, समेत कांडा, कौसानी आदि क्षेत्रों में जंगली जानवर बंदर, सुअर, सियार व बाघ का आतंक छाया हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों व सुअरों ने काश्तकारों द्वारा वर्ष भर की मेहनत के बाद उगाई गई फसलों को नष्ट कर दिया है जिससे उन्हे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इधर पंद्रहपाली, गोदीधार, कुकुडाडाडा में जंगली सुअरों के आतंक से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है।

 दीवान राम ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा कि सुअरों ने उनकी फसलों को नष्ट कर दिया है तथा ग्रामीणों द्वारा इसे भगाने पर वह ग्रामीणों पर हमला करने लगते है। उधर कौसानी के ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों के आतंक के चलते व्यवसायी समेत पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कौसानी में बंदरों ने कई होटलों की पाइप लाइनें व स्वास्थ्य केंद्र कौसानी में विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीणों ने जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6079084.html

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भालू के हमले से एक घायल गंभीर अवस्था में भर्ती

भालू के हमले से एक और व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को प्राइवेट वाहन से हल्द्वानी ले जाया गया। सांई अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती घायल की हालत नाजुक बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार जैंती तहसील अंतर्गत पजैना निवासी गोकुल सिंह पुत्र स्व.दौलत सिंह (32 वर्ष) पर आबादी के निकट ही भालू ने हमला बोल दिया। जिससे गोकुल सिंह के चेहरे, छाती व टांगों पर गहरे घाव हो गए। बाद में ग्रामीणों के बीच बचाव से भालू भाग खड़ा हुआ।

 अचेतावस्था में गोकुल को सके परिजन हल्द्वानी ले गए। क्षेत्र में लगातार जंगली जानवरों के हमलों से ग्रामीण भयभीत है। ग्रामीणों ने इन हिंसक जानवरों को पकड़ने व घायल के इलाज के लिए मुआवजा देने की मांग की है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6113826.html

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पी-गंगोल में जंगली सुअरों का आतंक

गोपेश्वर,। जिला मुख्यालय से सटे गंगोलगांव में जंगली सुअरों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। आलम यह है कि सुअरों के भय से लोग सायं ढलते ही अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं।

जनपद में पहले ही लोग भालू के आतंक से भयभीत हैं, जहां राह चलते कई ग्रामीणों को भालू अपना शिकार बना चुका है। गंगोल गांव में भी भालू के बाद अब ग्रामीण जंगली सुअरों के आतंक से भयभीत हैं। सुअरों द्वारा सायं ढलते ही गांवों में काश्तकारी फसल को बहुतायत में नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सुअरों के झुंड से ग्रामीण भी दहशत में हैं।

 सामाजिक कार्यकर्ता दिगम्बर सिंह रावत का कहना है कि ग्रामीणों को सुअरों के आतंक से निजात दिलाने को वे कई बार वन विभाग के साथ ही प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, लेकिन विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि अगर जिम्मेदार विभाग ने जंगली सुअरों द्वारा क्षतिग्रस्त हुई फसल का मुआवजा देने के साथ ही क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने सुअरों को न मार गिराया तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

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गरुड़ क्षेत्र के कई गांवों में बाघ का आतंक



गरुड़(बागेश्वर)। द्यौनाई क्षेत्र के कई गांवों में इन दिनों मवेशीखोर बाघ का आतंक बना हुआ है। सायं होते ही आबादी के बीच बाघ के पहुंचने के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

द्यौनाई क्षेत्र के भगरतोला, कोलतुलारी, पोखरी, दरणा, मोतीसारी, खितौली आदि गांवों में बाघ का जबर्दस्त आतंक बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को बाघ ने जंगल में चर रही एक गाय को अपना निवाला बना लिया जबकि इससे पूर्व भी वह कई पशुओं को अपना निवाला बना चुका है। उधर विकास खंड के मन्यूड़ा गांव में भी बाघ के आतंक से ग्रामीण परेशान है।

 बाघ के भय से सायं होते ही लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण शिव सिंह बोरा, शंकर रावत आदि ने बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6161949.html

 

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