Author Topic: CONDOLENCE - शोक संदेश  (Read 57097 times)

Rajen

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #30 on: June 04, 2008, 02:56:55 PM »
बिधि का बिधान इस रूप में जिस किसी के भी सामने आता है, उस ब्यक्ति का टूट जाना स्वाभाविक है।  ऐसी घड़ी में मेरा संबल बढा़ने हेतु समस्त "CU-Myor Pahad(merapahad)" परिवार का मैं दिल से आभारी हूं।

Friend with deep sorrow i want to inform you all the sad demise of Rajen ji's father. Rajen ji is a member of our team and our condolences are with the family. May the soul of the deceased rest in peace.

पंकज सिंह महर

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #31 on: June 04, 2008, 04:20:34 PM »
राजु दा, आभारी हूं कह कर शर्मिन्दा न करें, यह एक फोरम मात्र ही नहीं है, यह एक परिवार है और हर सदस्य के सुख-दुःख में सभी लोग समान रुप से सहभागी हैं।
      इस दुःख को सहन करते हुये आज आप फोरम में वापस आये, मैं आपका स्वागत करता हूं।

Risky Pathak

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #32 on: June 07, 2008, 06:01:05 PM »
हानि-लाभ, यश-अपयश, जन्म -मृत्यु|
ये सब विधि हाथ||


इस दुःख की घड़ी मे मेरा पहाड़ परिवार  आपके साथ है|

भगवान  मृत आत्मा को शांति दे और इस दुःख से आपके परिवार को  उबरने मे सहायता करे |
 :( :(

पंकज सिंह महर

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साथियो,
        दुःखी मन से सूचित कर रहा हूं कि उत्तराखण्ड की एक महान विभूति डा० डी०डी० पंत जी अब हमारे बीच नहीं रहे, कल दिनांक ११ जून, २००८ को हल्द्वानी में उनका देहावसान हो गया। डा० पंत कुमाऊं वि०वि० के संस्थापक कुलपति थे और उन्होने नोबल पुरस्कार विजेता डा० सी०वी० रमन के साथ भी कार्य किया था|
     डा० पंत भौतिक शाष्त्री तो थे ही, साथ ही उनके मन में उत्तराखण्ड के लिये भी कुछ करने की भावना थी, इसी भावना के तहत उन्होंने १९७९ में उत्तराखण्ड के प्रथम राजनैतिक दल "उत्तराखण्ड क्रान्ति दल" की स्थापना की और उसके संस्थापक अध्यक्ष रहे। उन्होंने वर्ष १९८० में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, इसके अतिरिक्त  वे एक कुशल प्रशासक भी थे और निर्भीक और ईमानदार भी, १९९७७ में कुमाऊं वि०वि० में राज्यपाल के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया और उनके इस निर्णय पर राज्यपाल को भी अपना निर्णय बदलना पड़ा था।
       प्रो. पन्त का जन्म 1919 में आज के पिथौरागढ़ जिले के एक दूरस्थ गांव देवराड़ी में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई। पिता अम्बा दत्त वैद्यकी से गुजर-बसर करते थे। बालक देवी की कुशाग्र बुfद्ध गांव में चर्चा का विषय बनी तो पिता के सपनों को भी पंख लगे लगे। किसी तरह पैसे का इंतजाम कर उन्होंने बेटे को कांडा के जूनियर हाईस्कूल और बाद में इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई के लिए अल्मोड़ा भेजा। आजादी की लड़ाई की आंच अल्मोड़ा भी पहुंच चुकी थी। देवी दत्त को नई आबोहवा से और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
         मेरा पहाड़ परिवार उनको अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता है और भगवान से प्रार्थना करता है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार के सदस्यों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

ऊं शांति!
     

पंकज सिंह महर

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #34 on: June 12, 2008, 12:16:32 PM »
डा० पंत के बारे में पढ़े
http://www.merapahad.com/forum/index.php/topic,6.75.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #35 on: June 12, 2008, 12:20:28 PM »

Very Sad news.

May departed soul rest in peace.

साथियो,
        दुःखी मन से सूचित कर रहा हूं कि उत्तराखण्ड की एक महान विभूति डा० डी०डी० पंत जी अब हमारे बीच नहीं रहे, कल दिनांक ११ जून, २००८ को हल्द्वानी में उनका देहावसान हो गया। डा० पंत कुमाऊं वि०वि० के संस्थापक कुलपति थे और उन्होने नोबल पुरस्कार विजेता डा० सी०वी० रमन के साथ भी कार्य किया था|
     डा० पंत भौतिक शाष्त्री तो थे ही, साथ ही उनके मन में उत्तराखण्ड के लिये भी कुछ करने की भावना थी, इसी भावना के तहत उन्होंने १९७९ में उत्तराखण्ड के प्रथम राजनैतिक दल "उत्तराखण्ड क्रान्ति दल" की स्थापना की और उसके संस्थापक अध्यक्ष रहे। उन्होंने वर्ष १९८० में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, इसके अतिरिक्त  वे एक कुशल प्रशासक भी थे और निर्भीक और ईमानदार भी, १९९७७ में कुमाऊं वि०वि० में राज्यपाल के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया और उनके इस निर्णय पर राज्यपाल को भी अपना निर्णय बदलना पड़ा था।
       प्रो. पन्त का जन्म 1919 में आज के पिथौरागढ़ जिले के एक दूरस्थ गांव देवराड़ी में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई। पिता अम्बा दत्त वैद्यकी से गुजर-बसर करते थे। बालक देवी की कुशाग्र बुfद्ध गांव में चर्चा का विषय बनी तो पिता के सपनों को भी पंख लगे लगे। किसी तरह पैसे का इंतजाम कर उन्होंने बेटे को कांडा के जूनियर हाईस्कूल और बाद में इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई के लिए अल्मोड़ा भेजा। आजादी की लड़ाई की आंच अल्मोड़ा भी पहुंच चुकी थी। देवी दत्त को नई आबोहवा से और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
         मेरा पहाड़ परिवार उनको अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता है और भगवान से प्रार्थना करता है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार के सदस्यों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

ऊं शांति!
     


Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #36 on: June 12, 2008, 12:25:04 PM »
Our condolences with the family of Dr. Pant.

Risky Pathak

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #37 on: June 12, 2008, 12:30:07 PM »
May his soul rest in peace...

Rajen

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #38 on: June 12, 2008, 12:31:19 PM »
Sad news.
My condolences with the family of Dr. Pant.
May the departed soul rest in peace.
He Ram.

हेम पन्त

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Re: CONDOLENCE - शोक संदेश
« Reply #39 on: June 12, 2008, 12:34:12 PM »
पन्त जी पहाड के बहुत विख्यात बुद्धिजीवी, महान शिक्षाविद व राजनैतिक चिन्तक थे... उनके देहान्त से उत्तराखण्ड को अपूर्णनीय क्षति हुई है. मेरा पहाड परिवार की और से इस महान आत्मा को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली...

 

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