मेरा पहाड़ का अभिवादन।
मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।