Author Topic: Introduction of Community Members - मेरा पहाड़ के सदस्यों से परिचय !  (Read 504619 times)

SONIYA

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sabhi pahari sadasyon ko meri taraf se new year ki bahut  bahut subh kamnayen :-* :-*....................................................... wish u very very happy new year all members
 

Kanika Bhatt (Devbhoomi)

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hy..guys m kanika bhatt.....a true pahadi....but unfortunetly never seen pahad...
i respect all d pahadi's frm the bottom of my heart....

me uttrakhandi cho...;-)

purushotamsati

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Hi Kanika...Warm Welcome..........On Mera Pahad.....Portal.....Please do regular visit here.......its nice to see here........

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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A very warm welcome Bhatt Ji to merapahad portal

hy..guys m kanika bhatt.....a true pahadi....but unfortunetly never seen pahad...
i respect all d pahadi's frm the bottom of my heart....

me uttrakhandi cho...;-)

Devbhoomi,Uttarakhand

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HELLO KANIKA JI WELCOME TO MERAPAHAD PARIWAR

धनेश कोठारी

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मेरा पहाड़ का अभिवादन।
   मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Kothari Ji

A very warm welcome to merapahad portal.

मेरा पहाड़ का अभिवादन।
   मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।


purushotamsati

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Kothari jii..........Warm welcome on mera pahad.........its nice to see the inspiring  Uttrakhadi personality like you on Portal...Plz share your views on different issues ............

हेम पन्त

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धनेश जी आप जैसी प्रतिभा को फोरम में अपने बीच पाकर हमें अत्यन्त खुशी हो रही है.. आप नियमित रूप से फोरम की गतिविधियों में हिस्सा लेकर हमारा उत्साहवर्धन करते रहेंगे इसी आशा के साथ आपको व आपके कुटुम्बजनों को नव वर्ष की बधाई...

मेरा पहाड़ का अभिवादन।
   मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।


धनेश कोठारी

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thanx pant ji
aapkaa sahayog bana rahega esi ummid hai

धनेश जी आप जैसी प्रतिभा को फोरम में अपने बीच पाकर हमें अत्यन्त खुशी हो रही है.. आप नियमित रूप से फोरम की गतिविधियों में हिस्सा लेकर हमारा उत्साहवर्धन करते रहेंगे इसी आशा के साथ आपको व आपके कुटुम्बजनों को नव वर्ष की बधाई...

मेरा पहाड़ का अभिवादन।
   मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।

धनेश जी आप जैसी प्रतिभा को फोरम में अपने बीच पाकर हमें अत्यन्त खुशी हो रही है.. आप नियमित रूप से फोरम की गतिविधियों में हिस्सा लेकर हमारा उत्साहवर्धन करते रहेंगे इसी आशा के साथ आपको व आपके कुटुम्बजनों को नव वर्ष की बधाई...

मेरा पहाड़ का अभिवादन।
   मेरा पहाड़ का परिचय हाल में ही मुझे चारु तिवारी जी से मिला था। देवप्रयाग (टिहरी गढ़वाल) में जन्मा मैं पैतृक रूप से पौड़ी गढ़्वाल का हूं। हालांकि मुझे अब तक अपना पैतृक स्थान देखने का सौभाग्य नहीं मिल सका है। मेरा वर्तमान स्थायी निवास ऋषिकेश में है। वर्ष के छै महिने बदरीनाथ में रहता हूं। जहां मेरा निजी व्यवसाय है। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय सहारा से भी जुड़ा हूं। मैं मूल रुप से गढ़वाली में लिखता हूं। हिन्दी में कम ही लिखा है। स्वतन्त्र लेखन के अलावा कविता और व्यंग्य मेरा शौक है। जोकि मूल रूप से गढ़वाली में ज्यादा होता है। हाल ही में मेरा एक काव्य संकलन ‘ज्यूंदाळ’ धाद प्रकाशन देहरादून से प्रकाशित हुआ है। जिसका संक्षिप्त परिचय श्री भीष्म कुकरेती जी ने मेरा पहाड़ में २४/१२/२००९ को पोस्ट किया है।


 

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