साथियो, जय उत्तराखण्ड
मेरा नाम चारू तिवारी है, उत्तराखण्ड के अल्मोड्ा जनपद के द्वाराहाट का रहने वाला हूंा कब, क्ैसे और कयों पहाड् से बाहर निकल आया पता नहीं चलाा पिछले दस साल से दिल्ली में भटक रहा हूंा आप सभी लोगों के साथ पहाड् को बचाने उसे संवारने और खुशहाल बनाने की चिन्ता अगर मूर्त रूप ले पाये तो वह हमारे लिए सबसे बड्ी उपलिब्ध होगीा आप सभी का स्वागत और सभी को मेरा अभिवादन इस आशा और विश्वास के साथ कि
इस हिमालय से नई गंगा निकलनी चाहिए
बढ् रही है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड्ा करना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए