ओ....ओम
प्रभात को पर्व जाग, गौ-सरूप पृथ्वी जाग, धरम सरूपी अगास जाग
उदंकारी कांठा जाग, भानुपंखी गरुड़ जाग, सप्तलोक जाग, इन्द्रलोक जाग, मेघलोक जाग
तारालोक जाग सूर्यलोक जाग, चन्द्रलोक जाग,
ब्रह्मा का वेद जाग, गौरी का गणेश जाग, हरो भरो संसार जाग, जीव जाग, जीवन जाग !
सेष -समुद्र जाग, खारी समुद्र जाग, दूधी समुद्र जाग, खेराणी समुद्र जाग,
घोर समुद्र जाग, अघोर समुद्र जाग, प्रचंड समुद्र जाग, सेतुबंद रामेश्वर जाग
हे हिंयुं हिंवाल्युं जाग, पाणी प्यालूं जाग, बाला बैजनाथ जाग, धौली देवप्रयाग जाग
हरी को हरिद्वार जाग, काशी विश्वनाथ जाग, बूढ़ा केदार जाग, भोला सम्भुनाथ जाग
काली कुमों जाग, चोपड़ा चौथान जाग, खटिंग को लिंग जाग, सोवंन की गद्दी जाग