Author Topic: Religious Chants & Facts -धार्मिक तथ्य एव मंत्र आदि  (Read 45254 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्‌।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥1॥

भावार्थ:-शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥1॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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* नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे
कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥2॥

भावार्थ:-हे रघुनाथजी! मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ! मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए॥2॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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* अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥3॥
भावार्थ:-अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्य रूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान्‌जी को मैं प्रणाम करता हूँ॥3

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है।
गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जय बाबा बूढ़ाकेदार नाथ
नमः शम्भवाय च मयोभवाय च
नमः शन्कराय च मयस्करय च
नमः शिवाय
च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश
्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब
्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे
अस्तु सदाशिवोम।। तत्पुरषाय
विद्म्हे
महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।।
ॐ जय बृद्धकेदारेश्वराय नमः

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गुणः भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम् .

सिद्धिः भूषयते विद्यां भोगः भूषयते धनम्

Character makes good looks prettier, a clan's reputation is made higher by conduct, (theoretical) learning is enhanced by practical accomplishments and money's worth is enhanced by spending it.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अनर्घम् अपि माणिक्यम् हेमाश्रयम् अपेक्षते .
विना आश्रयं न शोभन्ते पंडिताः वनिताः लताः

Even priceless gems look for the refuge of gold (i.e. even gems need to be affixed to gold to be made into ornaments and appreciated) even so, the following need support to truly shine : scholars, creepers and women.
"A gem looks like a camelturd if it's not set in gold A creeper, like cold spaghetti, without a wall to hold A poet, like a game-show host, outside a patron's fold A chick without a man is too pathetic to behold."

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कन्या वरौते रूपं माता वित्तं पिता श्रुतम् .

बान्धवाः कुलम् इच्छन्ति मिष्टान्नम् इतरे जनाः .. 

( When a girl gets married ) The girl is interested in the man's looks; the mother in how wealthy he is; the father in his qualifications the relatives in his family status, the other guests merely in the feast.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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वैद्यराज नमः तुभ्यं यमराजसहोदर .

यमः तु हरति प्राणान् वैद्यराजः धनानि च

Greetings (namastubhyam) to the doctor (vaidyaraaja) who is the friend (brother?) of yama. While yama only takes life, vaidyaraaj takes life and wealth too!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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अमंत्रम् अक्षरं नास्ति नास्ति मूलम् अनौषधम् . अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकः तत्र दुर्लभः

"No letter be too nasty for a hum, no root too nasty as a healing dose, no man a nasty good-for-nothing bum. Good MBA find use for all of those."

 

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