Mera Pahad > Introduction of MeraPahad Community - मेरा पहाड़ के सदस्यों का परिचय

Today's Thought - पहाड़ के मुहावरों/कथाओं एवं लोक गीतों पर आधारित: आज का विचार

<< < (42/42)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
 गौड़ी कू मखन, गौड़ी कू मखन

गौड़ी कू मखन, गौड़ी कू मखन

दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन

दुनिया न मरि जाण, क्या ल्हिजाण यखन

दुनिया न मरि जाण.....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Mahi Singh Mehta
15 hours ago
One of the famous song of Narendra singh Negi ji on migration.

न दोड़- न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटा

उन्दरी कु सुख द्वि -चार घड़ी को
उकळी को दुःख सदनी को सुख लाटा

सौन्गु (आसन ) चितेंद अर दोडे भी जांद
पर उन्दरी को बाटा उन्द जांद मनखी
खैरी त आन्द पर उत्याडू (ठोकर) नि लगदु
उबू (उपर) उठ्द मनखी उकाल चडी की

न दोड़ - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटा

ऍच गोंउ मुख मा ज्वा गंगा पवित्र
उन्दरियो मा दनकीक कोजाल ह्वे गे

गदनीयू मा मिलगे जो हियूं उन्द बौगी
जो रेगे हिमालय म वी चमकणुच आ

न दोड़ - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटा

बरखा बातोणियो मा भी उन्द नी रडनी जू
तुक पहुची गनी खैरी खै-खै की
जोल नी बोटी धरती माँ पर अंग्वाल
उन्द बौगी गनी अपणी खुशीयून

न दोड़ - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटा................
.
गीत : नरेन्द्र सिह नेगी जी ...

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी = Mother and motherland are more respectable than even heaven

Navigation

[0] Message Index

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version