इस लाइन देखए "" दुःख दुःख झान कए "दुःख छो दुनिया क "[/b]इसका तात्पर्य है... हर इन्सान इस दुनिया मे दुखी है.. कई बार इन्सान भावनाओ मे बहकर अपना ही दुःख जयादा समझाता है.
आज विचार ... . गोस्वामी जी का यह गाने की लाइन यो मेरो भारत ताज मेरो कुमाओं गड़वाल येकी माया नियारी रे ...
एक लाइन है, जो बरबस याद दिला देती है, पहाड़ की और वहां न रह पाने की मजबूरी की-छण-छ्ण आंसू आयीं, मुलुक याद मां,रंगीलो पहाड़ छूटोऽऽऽऽ सुवा, द्वी रोटी कारणे।