Mera Pahad > Introduction of MeraPahad Community - मेरा पहाड़ के सदस्यों का परिचय

Today's Thought - पहाड़ के मुहावरों/कथाओं एवं लोक गीतों पर आधारित: आज का विचार

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Meena Pandey:
bhote bhal ho mehta jew

Risky Pathak:
Nice Topic Mehta Jee...

umeshjoshi:
MADU FOGYOL APHI DEKHYOL......

पंकज सिंह महर:
एक लाइन है, जो बरबस याद दिला देती है, पहाड़ की और वहां न रह पाने की मजबूरी की-

छण-छ्ण आंसू आयीं, मुलुक याद मां,
रंगीलो पहाड़ छूटोऽऽऽऽ सुवा, द्वी रोटी कारणे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Ati sundar mahar ji.


--- Quote from: पंकज सिंह महर on May 11, 2008, 01:22:26 PM ---एक लाइन है, जो बरबस याद दिला देती है, पहाड़ की और वहां न रह पाने की मजबूरी की-

छण-छ्ण आंसू आयीं, मुलुक याद मां,
रंगीलो पहाड़ छूटोऽऽऽऽ सुवा, द्वी रोटी कारणे।

--- End quote ---

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