इस मसले पर मैं भी अपने विचार रखना चाहुंगा. शादी एक पवित्र बन्धन है, वर्तमान पीढी हालांकि पाश्चात्य संस्कृति को जल्दी अपना लेती है, लेकिन अभी भी पूरे भारत में शादी को जीवन पर्यन्त बन्धन माना जाता है.
वैवाहिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज है, परिवार में शान्ति और सौहार्द. परिवार यानि लङका-लङकी और उनके माता-पिता तथा सगे सम्बन्धी. यदि गैर-पहाङी समाज में शादी करने में सभी लोगों की रजामन्दी हो तो फिर क्या हर्ज है गैर-पहाङी समाज में शादी करने में?