ललित मोहन जोशी जी की गीत माला 'मीठी तेरी बोली ' से 'गोल्ज्यू देवता' पर एक गीत|
हे देवा तू दैण है जाए देवा हो|
तू दैण है जाए देवा हो|
भूमि का भूमिया देवा हो|
भूमि का भूमिया देवा हो|
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|
निर्धन कै तू धन दी छे, बाझँ कै दी संतान
४ धाम में छे त्येर नाम, हाथ जोड़ी करू परनाम
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|
जागीश्वर में छू जागनाथ, सारी दुनिया ल्थामी हात
बागीश्वर में छू बाघनाथ, पवित्र छू सरयू की घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|
दूनागिरी में छू दुर्गा माता, महा काली छू गंगोली हाट
पांखू थल में कोटगारी माता, चंडी का धाम बसी छू घाट
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|
तेरी दरबार जो औनि देवा, उके मिल जानी तेरी मेवा
अन्याय के नाश करी छे, न्याय को छो यो तेरी दरबार
जय जय देवा चितई गोलू सुन मेरी पुकार
आस लगे बेर आयू तेरी दरबार
दाणा गोल्ज्यू , भंडारी गोल्ज्यू, चितई गोल्ज्यू किरपा राखे|