भट जी गवॅ से तो हम उत्तरांचलि भी कह सकते है।
और बात रही घाटे कि तो 1,600 सौ करोड़ मे अगर 400 सौ करेड़ घाटा और जोड़ दिया जाय ते सिधे 2,000 करोड़ हो जाते है। मेरा कहना ये है कि जो 400 सौ करोड़ नाम बदलने मे हमारी तब की कांग्रेस सरकार ने खचॅ किये उन 400 सौ करोड़ से जायदा नही भी होता तो कम से कम 4 गाँव अवश्य हि विकसित हो जाते?
sawaal ghate ka nahi hai, ghate main to shayad desh ka har rajya hai
lekin sawaal pahadi asmita ka hai, aaj hum garva se apne aap ko uttarkhandi keh sakte hai.
भट जी एक सवाल और मै आपसे पुछना चाहता हु कि
उत्तरांचल से उत्तारांखण्ड बना इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है,
जो उत्तरांचल पहले ही 16 सौ करोड़ के घाटे मे था
उसका नाम बदलकर उत्तारांखण्ड करने मे 400 सौ करोड़ खचॅ करना क्या घाटा पुरा करना था?