गौर साहब नमस्कार,
उत्तराखंड की स्थानीय भाषा की ध्वनियौं पर गढ़वाल विश्वविध्यालय बाटिक शोध संपन्न हवे चुकी गई, पर उत्तराखंड सर्कार अभी तक चुप बैठी च ! स्थानीय भाषा का ध्वनि आखर जोन कु नोऊ *गौ आखर* रखे ग्य, या पुस्तक प्रकाशनाधीन छ! प्रादेशिक भाषा का विषय माँ आप अपना विचार दियां,
पिछला १४ साल बाटिक मी ये विषय पर जाग्रति ल्योना वास्ता देव भूमि की पुकार समाचार पत्र चलानू छूओं! आप दगडी दिल्ली गढ़वाल भवन माँ आपकी पुरस्तक विमोचन के अवसर पर मुलाकात हुई थी शायद आपको यद् होगा.
मी आप तै ये विषय माँ बिस्तृत रूप माँ एक चिठी मेल करुलू !
मी थाई आसा छ की या मेल आप थाई अवश्य मीलाली !
धन्य बाद
डॉक्टर बिहारीलाल जलंधरी
शोधार्थी *गौ आखर* एबम प्रधान संपादक देव भूमि