मेरे भी कुछ सवाल है !
१) पर्यटन को बढावा देने के लिए सरकार किस नीति पर काम कर रही है ? स्थानीय लोगों को पर्यटन से सम्बंधित रोजगार से जोड़ने के लिए क्या योजना है ! पर्यटन सम्बन्धी रोजगार परक पाठ्यक्रमो जैसे डिप्लोमा इन टूरिस्म, डिप्लोमा इन होस्पिटालिटी मैनेजमेंट,Diploma and dgree courses in ecotourism व अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों को, व MBA (tourism management) पाठ्यक्रमों को सुरु करने की कोई योजना है !
२) स्थानीय उत्पाद व संस्कृति पर्यटन की आत्मा होती है ! उसके प्रमोशन के लिए सरकार की क्या योजना है !
३) नए शहरों का विकास पर्यटन, संस्कृति, रोजगार ,शिक्षा , व सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो ता है ! इसी सम्बन्ध मै गैरसैण राजधानी बनाने पर क्या सरकार विचार कर रही है !
४) धार्मिक पर्यटन के नाम पर तमाम फर्जी बाबाओं , आखाडों ,मठों ने हरिद्वार से लेकर बदरीनाथ तक तमाम जगह पर पहाड़ मै अवैध रूप से कई जगह कब्जा किया है ! क्या सरकार ऐसे निर्माण को रोकने के लिए कुछ काम कर रही है
५) पर्यटन के नाम पर, कुछ तीर्थ यात्री हर साल स्थानीय लोगों को ना केवल परेशान करतें है बल्कि मार पिटाई उपद्रव हिंसा तक उतर आते हैं खासकर हेम्कुन्ढ यात्रा के मार्ग पर , और पुलिस का रवैया हमेशा ही स्थानीय लोगों के खिलाफ़ रहा है, स्थानीय लोगों की सुरक्षा, व साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा के लिए क्या प्रयास कर रही है ?
६) पर्यटन के नाम पर जिस तेरह से देश के अनेक प्रभाव शाली लोगों , अवेध रूप से अनेक जगह जैसे , भीमताल, मुकेत्श्वर , रामगढ , बिनसर मसूरी , धनोल्टी इत्यादि जगह पर कब्जा किया है ! सरकार इस तरह के अवेध निर्माण कार्यों को रोकने पर विचार कर रही है या नही
७) गो मूत्र सम्बन्धी उत्पाद, संजीविनी की खोज जैसे महत्वहीन योजनाओं के अतिरिक्त भी क्या सरकार कोई ठोस योजनाओं पर काम कर रही है, जो यहाँ के स्थानीय उत्पादों को पहचान दिला सके व उनको देशी व विदेशी बाज़ारों मै स्थापित कर सके ! ?
८) यारसा गोम्बा एक बहुत ही कीमती औसधि है , पहाडों मै यारसा गोम्बा की तस्करी बहुत ही अधिक होती है खासकर पिथोरागढ़ मै ! सरकार यारसा गोम्बा व इस तेरह की अन्य कीमती औसधियों के नियोजित दोहन और उसके विकास पर विचार कर रही है ?
९) जैव विविधता व वनसंपदा उत्तराखंड के पर्यटन व रोजगार का मजबूत आधार बन सकती है परन्तु हर साल उत्तराखंड मै कई वन्य जीव अवेध रूप से शिकारियों व तस्करों द्वारा मरे जाते है! दुर्लभ वन्य जीव खासकर कॉर्बेट पार्क , नंदा देवी पार्क, अस्कोट वन्य विहार , राजाजी पार्क इत्यादि मै व हमारे जंगलों मै कीमती वन्य सम्पदा का अवैध रूप से दोहन होता है ! इन कार्यों मै उत्तराखंड के कई राजनीतिज्ञ व अन्य प्रभाव शाली लोग भी शामिल है ! इसके अतिरिक्त हर साल उत्तराखंड के वन आग की चपेट मै आ जाते हैं कई बार यह आग अवेध शिकार के लिए , कई बार अवेध काटन के लिए ,व कई बार स्थानीय लोगों की आपसी लडाई या लापरवाही से लगती है जिससे पेड़ तो नष्ट होते ही है कई छोटे छोटे नए पोधे खत्म हो जाते है , इनको रोकने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं !
१०) अभी हाल ही मे घोषित पर्वतीय औद्योगिक नीति मे क्या पर्यटन को भी उद्योग का दर्जा प्राप्त है ! अगर पर्यटन औद्योगिक नीति मे नही शामिल है तो सरकार पर्यटन के जरिये किस तरह से राजस्व प्राप्त करेगी ! और पर्वतीय क्षेत्रों मे पर्यटन के लिए यदि कोई बाहरी व्यक्ति ५ स्टार होटल , ३ स्टार होटल या इस तरह का कोई भी पर्यटन सम्बन्धी कारोबार शुरू करना चाहता है तो वह किस तरह से भूमि अधिग्रहण करेगा , और किन शर्तों पर करेगा ! और उसको सरकार द्वारा किस तरह करों मैं छूट दी जायेगी ?