Author Topic: Live Chat with Uttarakhand Music Icon Narendra Singh Negi Ji -2:30 pm, 23 Oct 09  (Read 45618 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
A Myth about Narendra singh negi's Song

[youtube]3Q8YjdTB6Fw

In 1982, Negi ji released his first Cassette Bhag-1

PART -2 OF INTERVIEW TAKEN BY OUR SR MEMBER RAJNEESH AGHNIHOTRI, A FEW TIME BACK.

[youtube]R0qzVn3JK-A

Meena Rawat

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 849
  • Karma: +13/-0
wao.....negi ji ke songs ki to main fan hu...

inki nauchami naraina wali album ke songs ko main daily sunti hu

hume negi ji ka intejar rahega.. :)

dayal pandey/ दयाल पाण्डे

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 669
  • Karma: +4/-2
Negi ji namaskar, aapaka bahut bahut swagat hai mera pahad forum main,
Sir ajkal bazarikaran ke is yug main Uttarakhandi Folk  foohad hota ja raha hai bazar main uplabdh CD main hamare cultur ka majak udaya ja raha hai, furki bandh, Murder case jaise naam wali cd aa rahi hain,
  Aap Uttarakhand ke Sangeet Samrat hain , mera sawal hai - foohadpan waale geet aur sangeet par kaise ankush lagaya ja sakta hai, margdarshan kijiye.
Dhanyabaad
Dayal Pandey

Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी का हम हार्दिक अभिनन्दन करते हैं.

Narendra Singh Negi

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 52
  • Karma: +2/-0
Namaskar, I will be online at 2.30 pm today (IST). Regards, Narendra Singh Negi

हलिया

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 717
  • Karma: +12/-0
आदरणीय नेगी जी, आपका बहुत बहुत धन्यबाद ठैरा जो कि आपने अपने ब्यस्त कार्यक्रम से समय निकल कर हम लोगों से बात चीत करने आये.  हम लोग आपके गाए गानों के ही नहीं आपके मृदुल स्वभाव के भी कायल हुए |  आशा करते हैं कि हमारे पहाड़ की संस्कृति को आप इसी तरह आगे बढाते रहेंगे और नई पीडी को प्रेरणा भी देते रहेंगे.

एक बार फिर थैंक यु ठैरा.

आपका हालिया
पिथोरागढ़ के एक गाँव से.

Uttarakhand Admin

  • Administrator
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 635
  • Karma: +6/-0
नेगी जी नमस्कार!

सबसे पहले आपका स्वागत मेरा पहाड़ पोर्टल पर। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच आपने हमारे लिये जो समय निकाला उसके लिये धन्यवाद।

मेरा आपसे प्रश्न है कि

लोक संगीत पर पर्यावरण व जनजीवन का बहुत गहरा  प्रभाव है ! आज जब पूरे उत्तराखंड मे पलायन तेजी से बड रहा है और हमारी जीवन शैली मे तेजी से परिवर्तन आ रहा है, ऐसे समय  लोक संगीत और लोक कलाओं को बचाने और उसके विकास के लिए क्या प्रयास जरूरी हैं, और इसके लिए जन चेतना कैसे जगाई जा सकती है ?

राजेश जोशी/rajesh.joshee

  • Sr. Member
  • ****
  • Posts: 406
  • Karma: +10/-0
नेगी जी नमस्कार,
नेगी जी से मैं यह जानना चाहता हुं कि आने वाले ५० वर्षों में वह हमारी गढ़वाली /कुमाऊनी भाषाओं का क्या भविष्य देखते हैं? एक कलाकार की तौर पर और एक आम उत्तराखण्डी के रूप में भी।  मुझे तो नही लगता कि यह भाषाऎं अपने अस्तित्व को कायम रख पायेन्गी।  क्योन्कि कोई भी ऊत्तराखण्डी (नयी पीड़ी में विशेष रूप से) अपनी मातॄभाषा को प्रयोग नही कर रहा है, अगर कुछ जिन्दा है तो नेगी जी जैसे कलाकरो की मेहनत है।  पर आगे कोइ उज्ज्वल भविष्य नजर नही आता, आज तो यह जो भी बची है वह सब नेगी जी जैसे कलाकारो या पुरानी पीड़ी के लोगों के वजह से है।  नयी पब्लिक स्कूल संसकृति की संताने तो हिन्दि बोलना भी पाप समझती हैं।

Manoj Sharma

  • Newbie
  • *
  • Posts: 28
  • Karma: +1/-0
मेहता जी नमस्कार,

मुझे बहुत ख़ुशी है की आज हमारे बीच उत्तराखंड रत्न श्री नरेंदर सिंह नेगी जी आ रहे हैं, मैं मेरा पहाड़ की तरफ से एक बात नेगी जी के सामने रखना चाहता हूँ की आप ने हमारे पहाडी संस्कृति को बचाने और जन मानस तक अपनी संस्कृति को जोड़ने का जो प्रयास किया वह हमेशा सही साबित हुआ,

मैं जानता हूँ की आपने नेताओं के ऊपर जो भी गीत लिखे वह कटु सत्य हैं और उन लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन जन जन तक आपकी आवाज पहुंची और सबने जाना की असल में यही उत्तराखंड मै हो रहा है, लेकिन मै चाहता हूँ की आप एक बार जन जन को जागने ने की प्रेरणा देंगे तो सभी आपकी बात से प्रेरणा लेकर इन भ्रस्ट नेताओं के खिलाप आवाज उठाएंगे,  और हमारी पवित्र देवभूमि को इन सत्ताभोगी दुश्मनों से बचा पाएंगे.
क्यूंकि नेताओं के बजाय अगर जनता जागेगी जो ज्यादा बेहतर होगा.

नमस्कार

मनोज शर्मा

हलिया

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 717
  • Karma: +12/-0
महाराज, नेगी जी, एक बात बताओ, आपको तो मालुम ही होगा, हमारी उत्तराखंड की सरकार भी कुछ कर रही है उत्तराखंड के संस्कृति को बचाने, बढ़ाने के लिए कि नहीं?   क्यौकि हमने तो सुना है कि वहां देहरादून में एक 'संस्कृति बिभाग' भी है जो बहुत खर्चा करता है, अब किस में खर्चा करता है? कैसे खर्चा करता है, भगवान् जाने हो महाराज. हमारे यहाँ गावूँ में तो सरकारी कार्यक्रम के नाम पर एक फूटी कौडी भी नहीं खर्च होती, तो क्या हमारी संस्कृति देहरादून, नैनीताल जैसे बड़े शहरों में ही फलेगी फूलेगी वहीं से सज-धज कर आगे बढेगी, हम लोग जनम भर हल जोतते रह जायेंगे कि कुछ नया भी देख पाएंगे.  इन सरकार वालों को कोइ ये क्योँ नहीं समझाता कि भैया, किसी भी चीज की तरक्की करनी है तो पहले ये तो देख लो कि इसकी जड़ मजबूत है कि नहीं. 

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22