negi ji aajkal ki filmo ke baare mai aapke kya vichar hai...wo sayad humare pahad ki sanskriti se dur hoti jaa rahi hai...aap kya samajhte hai is baare mai...
नेगी ji उत्तराखंड में पर्यटन हो या तीर्थाटन / हमारी सांस्कृतिक दृष्टि से क्या उचित है/
नेगी जी क्या आपको नहीं लगता है की हिंदी फिल्मों और किसी सीरियल की तरह हमारे यहाँ पैर भी कोई सेंसर बोर्ड तरह की कोई संस्था होनी चाहिए जो कुछ मानक तय कर सके धन्यवादमनोज शर्मा