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Live Chat with Uttarakhand Music Icon Narendra Singh Negi Ji -2:30 pm, 23 Oct 09
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Dosto,
This name does not require any introduction. This is none other than Shree Narendra Singh Negi, who has been rendering his services to Uttarakhandi Folk Music for the last 3 decades or so. His contribution for Uttarakhandi Folk Music will never be forgotten.
The Live Chat session with Veteran Singer Shri Narendra Singh Negi ji was conducted in www.merapahad.com portal on 23 Oct 2009 from 2:30 pm to 5 pm. The live chat session was also telecast in ETV Uttarkahand/ UP, TV 100 and Voice of Nation. The telecast of ETV is here :
Uttarakhand (www.merapahad.com-Live Chat of Narendra Singh Negi Ji )
The detailed Chat session, you can see in succeeding pages of this thread.
Regards,
M S Mehta
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
The detailed information about Negi ji
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NARENDRA SINGH NEGI
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12 अगस्त, 1949 को पौड़ी गढ़्वाल जनपद के पौड़ी गांव में स्व. उमराव सिंह नेगी और स्व० श्रीमती समुद्रा देवी के घर जन्मे नरेन्द्र सिंह नेगी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। श्री नेगी एक सुविख्यात गढ़वाली लोक गीत गायक, गीतकार, संगीतकार हैं। स्नातक तक पढ़े नेगी जी प्रयाग संगीत समित से तबला प्रभाकर की उपाधि प्राप्त कलाकार हैं। आवाज के धनी नेगी जी ने अपने गीतों में पहाड़ी समाज के यथार्थ, व्यथा और चिन्तन को प्रस्फुटित कर गढ़वाली गीत लेखन और गायन को एक नई दिशा, नई सोच और नई ऊंचाई ही नहीं ऊंची गहराई भी दी है।इनके गीतों में पहाड़ की नारी की व्यथा के साथ-साथ तिरस्कृत की जा रही बुजुर्ग पीढ़ी और पहाड के दुश्मन पलायन का दर्द भी झलकता है। नेगी जी ने अपने गायन की शुरुआत 1974 से गढ़वाली लोकगीत/स्वरचित गीत गाकर प्रारम्भ की। 1978 से आकाशवाणी लखनऊ एवं नजीबाबाद के लिए गढ़वाली गीतों का गायन किया, आकाशवानी के ही दिल्ली व अल्मोड़ा केन्द्रों से भी इनके गीतों का प्रसारण हुआ। अब तक नेगी जी के 26 से ज्यादा ऑडियो कैसेट रिलीज हो चुके हैं।
नेगी जी गढ़वाली भाषा की पांच फिल्मों घर जवैं, कौथिग, बेटी-ब्वारी, बंटवारु और चक्रचाल के लिये गीत लिखे, गाये और संगीत्बद्ध भी किया। १९८२ में इनका पहला आडियो कैसेट "ढिबरा हर्चि गेनि" रिलीज हुआ था। नेगी जी एक कुशल कवि भी हैं, इनके तीन स्वरचित गढ़वाली गीत संग्रह ‘खुचकण्डी’, ‘गाण्यूं की गंगा स्याण्यू का समोदर’ और ‘मुट्ट बोटीकि रख’ अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये इन्हें अब तक कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
Great news Mehta ji. Negi ji ka besabri se intezaar hai.
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
During these more then 3 decades music career of Negi Ji, he released his music albums from innumerable film Companies. However, in order to promote the music further and give a chance to new of Uttarkahand Music, he opened his own Music Company in co-ordination with Lekhera ji.
The name of Negi Ji Company is " Himalayan Film Pvt Ltd"
This is the URL : http://www.himalayanfilms.com/index.php
Pushp:
Sooraj Roshni ke liye Diye ka mohtaaz nahi hota. The respect and love towards Negi ji that each Uttrakahndi has will always be there. Uttarakhandi music is incomplete without his name. Organization like Virasat come and go but his name will always be there. May God add more glory to his name. Thanks Mehta ji for organizing a talk with him
Jai Badri Vishal
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