THE SECRET OF "TEELE DHARU BOLA"
लेकिन तीले धारो बोला .........
kumauni या गढ़वाली गीतों की मात्र एक तुकबंदी नही है .यह उत्तराखंड के इतिहास का एक ऐसा दाग है जिसे मिटाना तो सरल नही है ;लेकिन भुलाया जा सकता है.कत्यूर राजवंश से तो सभी परिचित हैं .यह उत्तर भारत का एक शक्तिशाली हिंदू राजवंश था .कला ,संगीत और वास्तु के क्षेत्र मैं कत्युरों का योगदान स्मरणीय है.विनाश-काले विपरीत बुद्धि ....."इसी राजवंश के अन्तिम नरेश बरमदेव (कुछ इतिहासकारों के अनुसार बीरमदेव )ने तांत्रिकों के संपर्क मैं आकर अपनी मामी तिलोत्तमा के साथ तांत्रिक क्रिया संख्या ढाल के बहाने व्यभिचार किया .जिसकी प्रतिक्रिया मैं तिलोत्मा ने आत्महत्या कर ली ..उस दिन से उपहास के रूप मैं कहा जाने लगा तीले धारो बोला ..........."कालांतर मैं मामी सब्द गायब हो गया ,और सिर्फ़ तीले धारो बोला .........प्रचालन मैं रह गया......