Author Topic: Aakashvani Uttarakhandi Golden Folk Songs-आकाशवाणी के वो अनमोल गीत  (Read 5990 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कुछ प्रसिद्ध गाने इस प्रकार है !

१)  यो बाटा का जान्या होला, सुरा -२ देवी का मंदिर
२)  ओ परुआ बाज्यू चपल की लाछा यस
३)  कै ध्रु फुल्लो मासी का फूल
४) पारा रे भिड़ा को छे घस्यारी
५)   ओ चना चक्रों भुन्यली
६) गेला पातळ नियोआली बासछे
७) पहाड़ क ठण्ड पानी

बुत सारे गानों के बोल हम धेरे-२ लिखंगे !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हुड्क्या समुदाय का एक प्रसिद्ध लोक
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हो सरगा तारा जुनख्याळी रात

हो सरगा तारा जुनख्याळी रात
को सुणल़ो या, मेरी बात ?
पाणी क मसीक सुवा , पाणी को मसीक
तू चली गै परदेश मी रालो कसीक
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
बिरहा की रात सुवा , बिरहा की रात
आन्ख्यों बटे आंसू झड़ी लागी बरसात
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
तेल त निमडी गये , बुझ्णी च बाती
तेरी मायान मेंड़ी  देऊं , सरपै की भाँति
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
अस्याली को रेट सुवा , अस्याली को रेट
आज का जयां बटी कब होली भेंट
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?

स्रोत्र :  भजन सिंह 'सिंह' का लोक गीत संग्रह

The song is mixer of a couple of raptures and is agile and very absorbing.

Copyright@ Bhishma Kukreti

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हुड्क्या समुदाय का एक प्रसिद्ध लोक गीत                                   
                                 
                                    हो सरगा तारा जुनख्याळी रात

हो सरगा तारा जुनख्याळी रात
को सुणल़ो या, मेरी बात ?
पाणी क मसीक सुवा , पाणी को मसीक
तू चली गै परदेश मी रालो कसीक
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
बिरहा की रात सुवा , बिरहा की रात
आन्ख्यों बटे आंसू झड़ी लागी बरसात
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
तेल त निमडी गये , बुझ्णी च बाती
तेरी मायान मेंड़ी  देऊं , सरपै की भाँति
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?
अस्याली को रेट सुवा , अस्याली को रेट
आज का जयां बटी कब होली भेंट
हो सरगा तारा जुनख्याळी रात , को सुणल़ो या, मेरी बात ?

स्रोत्र :  भजन सिंह 'सिंह' का लोक गीत संग्रह

The song is mixer of a couple of raptures and is agile and very absorbing.

Copyright@ Bhishma Kukreti

झोडा नृत्य गीत

ध्रुब चाल (संगीत व नृत्य) : किसनो पैल्वाण नेगी, तिलै  धारु

हीरा हिरुली बांद,  तिलै  धारु बोला
जोड़ -     हुडकी की पोड़ छोरा , हुडकी की पूड़
झिट घड़ी बैठी जौंला, बांजै डाळी मूड

सम्मिलित स्वर   :  झिट घड़ी बैठी जौंला, बांजै डाळी मूड
हीरा हिरुली बांद     बांजै डाळी मूड
किसनी खड़कवाळ नेगी, बांजै डाळी मूड

पुरुष :      हीरा हिरुली बांद,  तिलै  धारु बोला

स्त्री :        किसनी खड़कवाळ नेगी,  तिलै  धारु बोला

पुरुष :       कूटी जालो धान हीरू , कूटी जालो धान
कैकी जाली कूड़ी कैकी जाली ज्यान

स्त्री :       काटो च खमर नेगी , काटो च खमर
            चार दिन जुनख्याळी, प्रेम च

पुरुष :     गैणो  की बरात हीरू  गैणो  की बरात
            घुतघुती मन मा हीरू जुनख्याळी रात
 
स्त्री :      घास काटो हंसिया नेगी , घास काटो हंसिया
   तू डुळदो भौंर हीरू , फूलों क रसिया
 
पुरुष ;      खिले जालो तास हीरू , खिले जालो तास
  मि डुलदो भौंर हीरू, मन त्यारो पास
  सम्मिलित स्वर ; घास की गडूळी सुवा घास की गडूळी
  जें  दिशा बि रौलो हीरू , लागली बडूळी
  जें  दिशा बि रौलो नेगी , लागली बडूळी

स्रोत्र : डा शिवा नन्द नौटियाल, श्याम छम घुंघुरू बाजला पृष्ठ ३४

(Provided by - Bhishma Kukreti)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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यह गीत कभी आकाशवाणी में सुना करता था!

 दिन ढल क्या, रात ऐगे

 उम्र बीती के संग आज
 ओ.........
 
 दिन ढल क्या, रात ऐगे
 उम्र बीती के संग आज

 जोड़..

 धार में क देवी थान, दूध ले नवायो
 त्यार जूठ में नी खाछियो, माया ले खवायो

 ओ.........

 
 दिन ढल क्या, रात ऐगे
 उम्र बीती के संग आज
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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We used to listen this song in Aakashvani.


यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
चमकनी गिलास सुवा रमकनी चाहा छ |
तेरी - मेरी पिरीत को दुनिये ड़ाहा छ |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
जाई फ़ुली , चमेली फुली, देणा फुली खेत |
तेरो बाटो चानै - चानै उमर काटी मेता |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
गाडा का गडयार मारा दैत्या पिसचे ले |
मैं यो देख दुबली भ्यूं तेरा निसासे लै |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
तेरा गावा मूंगे की माला मेरा गावा जंजीरा |
तेरी - मेरी भेंट होली देबी का मंदीरा |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
अस्यारी को रेट सुवा अस्यारी को रेट |
यो दिन यो मास आब कब होली भेंट |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
चमकनी गिलास सुवा रमकनी चाहा छ |
तेरी - मेरी पिरीत को दुनिये ड़ाहा छ |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
जाई फ़ुली , चमेली फुली, देणा फुली खेत |
तेरो बाटो चानै - चानै उमर काटी मेता |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
गाडा का गडयार मारा दैत्या पिसचे ले |
मैं यो देख दुबली भ्यूं तेरा निसासे लै |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
तेरा गावा मूंगे की माला मेरा गावा जंजीरा |
तेरी - मेरी भेंट होली देबी का मंदीरा |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
अस्यारी को रेट सुवा अस्यारी को रेट |
यो दिन यो मास आब कब होली भेंट |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |

भावार्थ :
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
चमकते गिलास में तेज रंग की चाय रही हुई है |
तुम्हारे , मेरे प्रेम से सभी लोग ईर्ष्या करने लगे हैं |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
जाई और चमेली के फूल खिले हैं , खेतों में सरसों फूली है |
तुम्हारी राह देखते - देखते मैंने अपनी सारी उम्र मायके में ही बिता दी है |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
दैत्य- पिचास ने छोटी नदी की मछलियाँ मार डाली हैं |
देखा , तुम्हारे विरह में कितनी दुर्बल हो गई हूँ |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
तुम्हारे गले में मूंगे की माला है और मेरे गले में जंजीर |
तुम्हारे और मेरी भेंट होगी देवी के मन्दिर में |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
असेरी (स्थानीय माप का बर्तन )का घेरा |
आज के दिन , इस माह ,हम मिले , अब कब भेंट होगी ?
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |

 

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