Author Topic: Bedu Pako Baro Masa - उत्तराखंड का सदाबहार गीत बेडू पाको बरो मासा  (Read 32515 times)

पंकज सिंह महर

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Re: BEDO PAKO BAROMASA - EVER GREEN UTTARAKHANDI SONG AND OTHER FAMOUS SONGS
« Reply #10 on: November 15, 2007, 12:43:28 PM »
बेडु पाको बारो मासा’ A Super-duper hit song written by lt. BRAJENDRA LAL SHAH & sung by legend folk artist MOHAN UPRETI & gopal babu goswami

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ (कोरस)

भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भि लूँ छ बीडी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२

त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२

अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: BEDO PAKO BAROMASA - EVER GREEN UTTARAKHANDI SONG AND OTHER FAMOUS SONGS
« Reply #11 on: November 15, 2007, 12:46:15 PM »

Mahar Ji,

Ati Sundar - 2 , prafulit & prasan nn... (1 karma).

No doubt this song is most famous and ever green song of Uttarakhand

बेडु पाको बारो मासा’ A Super-duper hit song written by lt. mohan upreti & sung by gopal babu goswami

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २ (कोरस)

भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भि लूँ छ बीडी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२

त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला
बेडु पाको बातो मासा -२

अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी


पंकज सिंह महर

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Re: BEDO PAKO BAROMASA - EVER GREEN UTTARAKHANDI SONG AND OTHER FAMOUS SONGS
« Reply #12 on: November 15, 2007, 01:01:40 PM »
यह गाना इतना प्रसिद्ध हुआ कि पहाडों में शादी हो और बेडू पाको बारामासा न बजे ऎसा होता ही नहीं है...... इस गाने के हर शादी में बजने को लेकर प्रसिद्ध रचनाकार श्री विद्यासागर नौटियाल ने अपनी एक पुस्तक इस गाने के रचयिता स्व० श्री मोहन उप्रेती जी को समर्पित की है जो कि स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनके साथी रहे थे.. "मोहन गाता जायेगा" शीर्षक की पुस्तक में नौटियाल जी ने मोहन दा को याद करते हुये लिखा है कि
        " सड़क पर एक बारात जा रही है, बच्चे, बूढे और महिलायें बेडू पाको बारामासा की धुन पर सुध-बुध खोकर नाच रहे हैं, मुझे याद आ गया मोहन का वह चेहरा!  कौन कहता है कि मोहन उप्रेती मर गया, वह देखो सड़क पर जा रहा है मेरा साथी, गाते हुये आज भी उसी तरह और वह मरेगा भी नहीं, वह गाता जायेगा, मोहन गाता जायेगा.............!" [/b]

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Mahar Ji,

I had purchased a VCD from Neelam  called "Bedo Pako Baro Masa"  and the lyrist of this song was mentioned "Shre Bijendra Lal Sah. एस vcd  के बाहर लिखा है "बेडू पाको बारो मासा" के रचियता उत्तराखंड के प्रसिद्ध सहित्यकार श्री बिजेंद्र लाल साह

यह गाना इतना प्रसिद्ध हुआ कि पहाडों में शादी हो और बेडू पाको बारामासा न बजे ऎसा होता ही नहीं है...... इस गाने के हर शादी में बजने को लेकर प्रसिद्ध रचनाकार श्री विद्यासागर नौटियाल ने अपनी एक पुस्तक इस गाने के रचयिता स्व० श्री मोहन उप्रेती जी को समर्पित की है जो कि स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनके साथी रहे थे.. "मोहन गाता जायेगा" शीर्षक की पुस्तक में नौटियाल जी ने मोहन दा को याद करते हुये लिखा है कि
       " सड़क पर एक बारात जा रही है, बच्चे, बूढे और महिलायें बेडू पाको बारामासा की धुन पर सुध-बुध खोकर नाच रहे हैं, मुझे याद आ गया मोहन का वह चेहरा!  कौन कहता है कि मोहन उप्रेती मर गया, वह देखो सड़क पर जा रहा है मेरा साथी, गाते हुये आज भी उसी तरह और वह मरेगा भी नहीं, वह गाता जायेगा, मोहन गाता जायेगा.............!" [/b]

पंकज सिंह महर

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Mahar Ji,

I had purchased a VCD from Neelam  called "Bedo Pako Baro Masa"  and the lyrist of this song was mentioned "Shre Bijendra Lal Sah. एस vcd  के बाहर लिखा है "बेडू पाको बारो मासा" के रचियता उत्तराखंड के प्रसिद्ध सहित्यकार श्री बिजेंद्र लाल साह

यह गाना इतना प्रसिद्ध हुआ कि पहाडों में शादी हो और बेडू पाको बारामासा न बजे ऎसा होता ही नहीं है...... इस गाने के हर शादी में बजने को लेकर प्रसिद्ध रचनाकार श्री विद्यासागर नौटियाल ने अपनी एक पुस्तक इस गाने के रचयिता स्व० श्री मोहन उप्रेती जी को समर्पित की है जो कि स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनके साथी रहे थे.. "मोहन गाता जायेगा" शीर्षक की पुस्तक में नौटियाल जी ने मोहन दा को याद करते हुये लिखा है कि
       " सड़क पर एक बारात जा रही है, बच्चे, बूढे और महिलायें बेडू पाको बारामासा की धुन पर सुध-बुध खोकर नाच रहे हैं, मुझे याद आ गया मोहन का वह चेहरा!  कौन कहता है कि मोहन उप्रेती मर गया, वह देखो सड़क पर जा रहा है मेरा साथी, गाते हुये आज भी उसी तरह और वह मरेगा भी नहीं, वह गाता जायेगा, मोहन गाता जायेगा.............!" [/b]

मेहता जी,
आपने सही कहा "बेडू पाको बारो मासा" के रचियता उत्तराखंड के प्रसिद्ध सहित्यकार श्री बिजेंद्र लाल साह
जी ही हैं, मोहन दा ने इसका संगीत तैयार किया था, संभवतः गाया भी था, १९४६ के आस-पास, इतना मैनें कहीं पढा है कि मोहन दा ने यह गाना रुस के राष्ट्रपति के स्वागत में भी गाया था, तब से नेहरु जी मोहन दा को "बेडू पाको ब्वाय" कहते थे.
....!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Thanx Mahar Ji for this information.

It means this song is not only popular on music point of view but also histroic also.


Mahar Ji,

I had purchased a VCD from Neelam  called "Bedo Pako Baro Masa"  and the lyrist of this song was mentioned "Shre Bijendra Lal Sah. एस vcd  के बाहर लिखा है "बेडू पाको बारो मासा" के रचियता उत्तराखंड के प्रसिद्ध सहित्यकार श्री बिजेंद्र लाल साह

यह गाना इतना प्रसिद्ध हुआ कि पहाडों में शादी हो और बेडू पाको बारामासा न बजे ऎसा होता ही नहीं है...... इस गाने के हर शादी में बजने को लेकर प्रसिद्ध रचनाकार श्री विद्यासागर नौटियाल ने अपनी एक पुस्तक इस गाने के रचयिता स्व० श्री मोहन उप्रेती जी को समर्पित की है जो कि स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनके साथी रहे थे.. "मोहन गाता जायेगा" शीर्षक की पुस्तक में नौटियाल जी ने मोहन दा को याद करते हुये लिखा है कि
       " सड़क पर एक बारात जा रही है, बच्चे, बूढे और महिलायें बेडू पाको बारामासा की धुन पर सुध-बुध खोकर नाच रहे हैं, मुझे याद आ गया मोहन का वह चेहरा!  कौन कहता है कि मोहन उप्रेती मर गया, वह देखो सड़क पर जा रहा है मेरा साथी, गाते हुये आज भी उसी तरह और वह मरेगा भी नहीं, वह गाता जायेगा, मोहन गाता जायेगा.............!" [/b]

मेहता जी,
आपने सही कहा "बेडू पाको बारो मासा" के रचियता उत्तराखंड के प्रसिद्ध सहित्यकार श्री बिजेंद्र लाल साह
जी ही हैं, मोहन दा ने इसका संगीत तैयार किया था, संभवतः गाया भी था, १९४६ के आस-पास, इतना मैनें कहीं पढा है कि मोहन दा ने यह गाना रुस के राष्ट्रपति के स्वागत में भी गाया था, तब से नेहरु जी मोहन दा को "बेडू पाको ब्वाय" कहते थे.
....!


Rachana Bhagat

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ye song to etna famous hai ki jaab bhi mai kisi ko bolte hu ki mai uttarkhand ki hu to loog bolte hain vahi ke na jaha ka "बेडू पाको बरो मासा" gana hai  :)

हेम पन्त

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Sahi kaha Rachna ji.....Aap logo ko jaan kar khushi hogi ki jald hi "Bedu paako Baaramaasa ke banne ki kahaani....B.L. Shaah ji ke shbdo mein www.creativeuttarakhand.com par upalabdh hogi.......Kuchh Shabd aap logo ke liye.........

याद आ रही है जाखन देवी (अल्मोडा) की एक शाम. वहाँ दुकानों में एक छोटे से झुरमुट में उदेसिंह का रेस्तरां था. जिसे हम लोग उदय शंकर का होटल कहते थे. उस शाम मैं गुजर रहा था उद्दा की दुकान के सामने से. अचानक दुकान की सबेली में खडे मोहन (मोहन उप्रेती) ने आवाज दी.

“कहाँ जा रहा है ब्रजेन्द्र? यहाँ तो आ!”................


To intejaar kijiye puri jaankaari ke liye

ye song to etna famous hai ki jaab bhi mai kisi ko bolte hu ki mai uttarkhand ki hu to loog bolte hain vahi ke na jaha ka "बेडू पाको बरो मासा" gana hai  :)

हलिया

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ये तो बहुत ही बढिया बात ठैरी महाराज।  अब मेरे जैसे बहुत लोगों को गीत आने वाला तो ठैरा, सुनना भी अच्छा लगने वाला ठैरा लेकिन उस गीत के बनने के बारे में जानने वाले नहीं ठैरे. ऐसी जानकारी टाइम-टाइम पर मिलती रही तो अच्छा ही लगने वाला ठैरा फ़िर.

Sahi kaha Rachna ji.....Aap logo ko jaan kar khushi hogi ki jald hi "Bedu paako Baaramaasa ke banne ki kahaani....B.L. Shaah ji ke shbdo mein www.creativeuttarakhand.com par upalabdh hogi.......Kuchh Shabd aap logo ke liye.........

याद आ रही है जाखन देवी (अल्मोडा) की एक शाम. वहाँ दुकानों में एक छोटे से झुरमुट में उदेसिंह का रेस्तरां था. जिसे हम लोग उदय शंकर का होटल कहते थे. उस शाम मैं गुजर रहा था उद्दा की दुकान के सामने से. अचानक दुकान की सबेली में खडे मोहन (मोहन उप्रेती) ने आवाज दी.

“कहाँ जा रहा है ब्रजेन्द्र? यहाँ तो आ!”................


To intejaar kijiye puri jaankaari ke liye

ye song to etna famous hai ki jaab bhi mai kisi ko bolte hu ki mai uttarkhand ki hu to loog bolte hain vahi ke na jaha ka "बेडू पाको बरो मासा" gana hai  :)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Today, there several VCD are coming in market with title Bedo Pako Baro Masa... It is yet a mystry who sang it first...

Though this song was composed by Shree Brijendra Lal Sah Ji..



Here is the video of Bedo Pako Song.

http://www.youtube.com/watch?v=OFRz0YGdhvY

 

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