संगीत के क्षेत्र में उत्तराखण्ड ने कई क्षेत्रीय, स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कलाकार भी दिये हैं। इस कड़ी में स्व० मोहन उप्रेती जी और उनके गुरु मोहन सिंह जी, ब्रजेन्द्र लाल शाह, नईमा खान उप्रेती, प्रताप सिंह, उदेराम, देबराम जैसे कलाकार भी हमारे बीच हुये हैं, जिन्होने इस लोक विधा का परिचय शेष दुनिया को कराया था।
निःसंदेह गोपाल बाबू गोस्वामी इस जगत के वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने व्यवसाय जगत में उत्तराखण्डी संगीत को परिचित कराया था। इन सभी के नाम पर पुरस्कार शुरु हों तो अच्छा होगा।
संगीत साधक ही नहीं हमारे यहां कई ख्याति नाम साहित्य साधक भी हैं, उनके नाम पर भी सरकार को पुरस्कार शुरु करने चाहिये। यथा- सुमित्रा नन्दन पंत, शैलेश मटियानी, मनोहर श्याम जोशी, गौरा पंत "शिवानी" आदि।