चैती या कुलाचार के गीत
==============
चैत के महीने को नाचने वाला महिना कहा जाता है,इस माह वादकों द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार के गीत गाये जाते हैं !प्रात काल देवताओं की स्तुति में प्रभाती,संध्या के समय स्यामकल्याणी जबकि दोपहर में एतिहासिक कथानक वाले गीत गाये जाते हैं !
दान्युं मा को दानी होलो राजा हरिच्न्दा
सुरिजा वंशी होलो राजा हरिचंदा .
इस गीत को (देवदास,ओजी यानी वादी ) अपने ठाकुरों के आंगन में चैत के महीने में चैती पसारा के रूप में गाते हैं ,ठाकुर उन्हें अन्न-धन आदि के रूप में दान देते हैं वादी जाति के पुरुष सारंगी आदि वाध्य बजाते हैं,तथा उनकी स्त्रियाँ निर्टी करती हैं !