एक पुराना गीत... (Song on Jeeja & Saali) ...
यह जीजा (धनसिंह) जो कि जंगलात विभाग में चौकीदार है और उसकी साली (घस्यारी) जो कि अपने ब्याई हुई भैस के लिय मालू के पत्ते काट रही के बीच संवाद है.. जीजा साली को पहिले पहचानता नहीं और मालू काटने के लिए मना करता है, लेकिन साली उसे पहचान लेती है.. बाद में वह उसे पहचान लेता है और मालू काटने देता है.
चौकीदार:
पारकी भीड़ा को छै घस्यारी,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
वारकी भीड़ा मैं छूँ घस्यारी,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
मालू काटी को पाप लागोंछौ,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ, भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी:
भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी, भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी
थोरी छौ भागी मिकेणि प्यारी,
भैसी बिहाली दुध पिवाली,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार:
के छू ए तेरो दीदी को नामा,
के छू ए तेरो दीदी को नामा,
वीक मरदा के करों कामा,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...
घस्यारी (मुस्कराते हुए):
दीदी को नामा रामदुलारी, दीदी को नामा रामदुलारी,
धनसिंगा भीना त्यरी अन्वारी,
उनकी छूं मैं साली पियारी,
मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...
चौकीदार (हैरानी और खुशी से):
नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी, नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी,
धनसिंगा मैं छूँ तू मेरी साली.
गोरू बछा गें पन्यार नि पायुँ,
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...
रोज एजाये पारेकी ढई, वेती लि हैये दूध पराई.
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...
(Provided by our Member Virendra Singh Vashisth).