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Folk Songs on Market,Fairs & Jeeja Saali etc - बाजारों, मेलो एव जीजा साली पर गीत

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Dosto,

Uttarakhand Folk Songs have great social message, humorous and a glimpse of culture. In gone days, most of the songs were made on local fairs, markets and of course, songs on Jeeja Sali Noke Jhok..

Some of the old songs are still very hit even today. Here we will be compiling some of the old and new Folk Songs of Uttarakhand which are made on Local Fair, Market and Jeeja Saali .. U will definitely like that recall your childhood says in pahad. 

Hope u will also contribute here.

Regards,

M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

गोपाल बाबु गोस्वामी जी यह उत्तरायनी मेले पर यह जुगल बंदी जिसमे एक नातिनी (पोती) अपनी दादा जी से उत्तरायनी कौतिक से बहुत सामग्री लाने की मांग करती है ! देखिये यह लाइन इस गाने हे जो की लिपिबद्ध लिया गया है !
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नातिनी :
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू

बूबू :

ओय नातिनी मैंने की बाजार जूना
वोंय नातिनी मैंने की बाजार जूना
तेल तम्बाको, लूंण गूड मोल  लियूंण
तेल तम्बाको, लूंण गूड मोल  लियूंण

नातिनी :
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू

वो बड़बाजू  धोती बागी रेछो
वो बड़बाजू  धोती बागी रेछो
अगिल क सुरियल माजी नीछो
अगिल क सुरियल माजी नीछो

बूबू :

जा नातिनी मयर फतुई टाल हाली दे
जा नातिनी मयर फतुई टाल हाली दे
म्यार कमई घर कुटी तम्बाकू धरी दे
म्यार कमई घर कुटी तम्बाकू हाली दे

नातिनी :
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू

ओह बड़बाजू उत्तरायनी कौतिक जाला
भूख लगाली बाट घाट में के जय खाला
ओह बड़बाजू उत्तरायनी कौतिक जाला
भूख लगाली बाट घाट में के जय खाला


नातिनी :
ओह नातिन भूख प्यास कासी के जूना
तवी हुनी कौतक बान (गिफ्ट) कासी लियूना
ओह नातिन भूख प्यास कासी के जूना
तवी हुनी कौतक बान (गिफ्ट) कासी लियूना

ओह बड़बाजू उत्तरायनी कौतिक जाला
भूख लगाली बाट घाट में के जय खाला
ओह बड़बाजू उत्तरायनी कौतिक जाला
भूख लगाली बाट घाट में के जय खाला

ओह बड़बाजू उत्तला बोकूंण रैया
ओह बड़बाजू यो काठी रैया
ओह बड़बाजू उत्तला बोकूंण रैया
ओह बड़बाजू यो काठी रैया
प्यास लागिली काठी रिखू चबियूना रैया
भूख लागिली यो भूटिया भोट भूकैया

बूबू :

बाध नातिनी त्यार सामान काम आलो
यो मरण भाखत  बुढ भोट भूकाल
बाध नातिनी त्यार सामान काम आलो
यो मरण भाखत  बुढ भोट भूकाल


नातिनी :

उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू
उत्तरायनी कौतिक एगियो वो बड़बाजू
थर्थारानी पुष नैगियो वो बड़बाजू

ओह बड़बाजू मी हुनी जलेबी लाया
चूड़ी धमेली काल फुना भूली नि जाया
ओह बड़बाजू मी हुनी जलेबी लाया
चूड़ी धमेली काल फुना भूली नि जाया
ओह बड़बाजू  यो आपुनी हवाक ली जाया
ओह बड़बाजू  यो आपुनी हवाक ली जाया
बाट घाट में स्वाक स्वाक दम लगाया
बाट घाट में स्वाक स्वाक दम लगाया
ओह बड़बाजू और बताओ क्या -२ लाला
तुमि  तो बुबू भूली जे जाछा बूडी अकला

ओह बड़बाजू और बताओ क्या -२ लाला
तुमि  तो बुबू भूली  जे जाछा बूडी अकला

गोस्वामी जी : (यानी बूडा)

लाल मुखिया बनार का पोथ लियूना
तै दगाड खडयूनी क बया करुन
लाल मुखिया बनार का पोथ लियूना
वी  दगाड खडयूनी क बया करुन

आह आ..
पलकि जाओ तुमि दगे नि बालियानियु
 


 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

एक पुराना गीत... (Song on Jeeja & Saali) ...

यह जीजा (धनसिंह) जो कि जंगलात विभाग में चौकीदार है और उसकी साली (घस्यारी) जो कि अपने ब्याई हुई भैस के लिय मालू के पत्ते काट रही के बीच संवाद है.. जीजा साली को पहिले पहचानता नहीं और मालू काटने के लिए मना करता है, लेकिन साली उसे पहचान लेती है.. बाद में वह उसे पहचान लेता है और मालू काटने देता है.

चौकीदार:

पारकी भीड़ा को छै घस्यारी,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...

    घस्यारी:
    वारकी भीड़ा मैं छूँ घस्यारी,
    मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...

चौकीदार:
मालू काटी को पाप लागोंछौ,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...

घस्यारी:

  भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ, भैंसी बिहै रे थोरी है रै छौ,
   मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...

चौकीदार:

तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
तै भैंसीकैणी भ्योल घुर्ये दे, तै थोरी कैणी गाड़ बगे दे,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...

घस्यारी:

   भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी, भैंसी छा भागी दीदी गें प्यारी
   थोरी छौ भागी मिकेणि प्यारी,
   भैसी बिहाली दुध पिवाली,
   मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...

चौकीदार:

के छू ए तेरो दीदी को नामा,
के छू ए तेरो दीदी को नामा,
वीक मरदा के करों कामा,
मालू ए तू मालू नि काटा, तू मालू ए...

घस्यारी (मुस्कराते हुए):

   दीदी को नामा रामदुलारी, दीदी को नामा रामदुलारी,
   धनसिंगा भीना त्यरी अन्वारी,
  उनकी छूं मैं साली पियारी,
  मालू रे तू मालू काटण दे, तू मालू रे...

चौकीदार (हैरानी और खुशी से):
नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी, नौक नि मान्या मैंनी पछ्याणी,
धनसिंगा मैं छूँ तू मेरी साली.
गोरू बछा गें पन्यार नि पायुँ,
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...
रोज एजाये पारेकी ढई, वेती लि हैये दूध पराई.
मालू ए तु मालु काटी ले, तू मालू रे...

(Provided by our Member Virendra Singh Vashisth).

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

शिखर जहाँ पर की भगवान मूल नारायण का पवित्र धाम है! इस चोटी को शिखर के नाम से जाना जाता है बागेश्वर जिले में ! जो की काफी ऊँचाई पर है ! इस शिखर पर के ऊँची चोटी पर बना यह झोडा (Jeeja Saali Song - In the Form of Jhoda )
   
Listen from Here:

http://ishare.rediff.com/music/kumaoni-others-jolly/chhodi-de-bhina-meri-dhameli/10060547

Lyrics :

 महिलाये (Saali) -

ओह शिखर डाना घामा आगेछो
 छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 

पुरुष :
 
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली

 महिलाये -
ओह शिखर डाना घामा आगेछो
 छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 
 
पुरुष :
 
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली

महिला :

सास देखली, सौर देखला
छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 

महिला :

को देखला काली पातल
कासी के छड़ो तेरी धमेली

महिला :
स्वामी मेरो परदेश
छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 

पुरुष :

ओह तेरी दीदी रिसा रेछो
कसीकी छोडो तेरी धमेली

महिला :

आसमान में काली बादल 
छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 

पुरुष :
म्यार करमा यस छाना
कसी छोडो तेरी धमेली

महिला :
 
आसमान में काली बादल 
छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 
 
पुरुष :
म्यार करमा यस छाना
कसी छोडो तेरी धमेली

पुरुष :

कैके दियो में दोष साली
कसी के छोडो तेरी धमेली

महिला :
ओह धरती पड़ी ओस
भीना छोड़ दे भीना तेरी धमेली

पुरुष :
 
कैके दियो में दोष साली
कसी के छोडो तेरी धमेली

महिला :

सनगाड़ कौतिक आये
छोड़ दे भीना तेरी धमेली

पुरष :

ओह तयार सौरासी आयी रुला
कसकी थामुल, तयार धमेली

महिला :

झोड़ चाचरी गैना भीना
छोड़ दे भीना तेरी धमेली

पुरष :
 
ओह तयार सौरासी आयी रुला
कसकी थामुल, तयार धमेली

महिला :
 
झोड़ चाचरी गैना भीना
छोड़ दे भीना तेरी धमेली

पुरष :

ओह मै पड़ेली मार साली
कसकी छोड़ त्यार धमेली

 महिलाये -
ओह शिखर डाना घामा आगेछो
 छोड़ दे  भीना मेरी धमेली 
 
पुरुष :
 
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Dwarahaat (Bikhoti Fair Song)

चाय की घूंट पीकर के अब जा रही है दुर्गा और उसका पति द्वाराहाट के स्याल्दे बिखौती के मेले में रास्ते में छेड़ छाड़ करते हुए मस्त होकर पग डंडियों पर दोनों पति और पत्नी और वहा जाकर के दुर्गा खो गयी है भीड़ में और बेचारा पति उसे ढूंढ़ रहा है और पूछ रहा है लोगो से:

अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
अले म्यार दगाड छि यो म्याव में, अले जानी कॉ छटिक गे| येल म्यार गाव गाव गाड़ी है, मी कॉ ढूंढ़उ इके इदु खूबसूरत छो यो, क्वे छटके लही जालो| क्वे गेवारिया या द्वार्हटिया तो म्यार खवाड फोड़ है जाल दाज्यू देखो ढाई तुमिल कति देखि?

अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे
अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे

ओ दाज्यू तुमले देखि छो
यारो बते दियो भागी
तुमले देखि छो यारो बते दियो भागी
रंगीली पिछोदी उकी कुटली घागेरी
आन्गेडी मखमली दाज्यू मेरी दुर्गा हरे गे

सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
द्वारहाट कोतिक मेरी दुर्गा हरे गे
स्याल्दे कोतिक मेरी दुर्गा हरे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे

दुर्गा मीके खाली मै तो कलि
गुलाबी मुखडी उकी काई काई आंखि
गुलाबी मुखडी उकी काई काई आंखि
गालडी उगे जैसी ग्यु की जै फुलुकी
गालडी उगे जैसी ग्यु की जै फुलुकी
सुकिला चमकीला दांता मेरी दुर्गा हरे गे

सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
 

दाज्यू तैल बजार मैल बजार द्वाराह्ता कोतिक में
तैल बजार मैल बजार सार कोतिक में
सारी कोतिक ढूंढ़ई
हाय दुर्गा तू का मर गे छे पाई गे छे आंखी
हाय दुर्गा तू का मर गे छे पाई गे छे आंखी
मेरी दुर्गा हरे गे

सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
सार कोतिक चान चान मेरी कमरा पटे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे
दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे

अब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना
अब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना
कोतिका सब घर ल्हे गये
कोतिका सब घर ल्हे गये
धार लहे गो दिना
म्येर आंखी भरीं लेगे
दाज्यू किले हसन नै छ

सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
ओ हिरदा सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे
सार कोतिक चान चान मेरी कमरा पटे गे
सार कोतिक चान चान मेरी कमरा पटे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरे गे
हिरदा  दुर्गा हरे गे
बतै दे दुर्गा हरे गे
हिरदा  दुर्गा हरे गे
बतै दे दुर्गा हरे गे

(Provided by Himanshu Joshi, our member)

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