जिरि झुमका द रे चांदी खेता मांजा रे,
जिरि झुमका रुपाई है रे, छे रे,
जिरि झुमका दरे रुपाई करला रे,
जिरि हो झुमका यूं दिन यूं मास हो,
जिरि हो झुमका भेटन लै जाया हो॥
खेत में धान की रोपाई लगाते समय यह गीत गाया जाता है। भूमिया देवता से उपहार स्वीकार करने की प्रार्थना की जा रही है।
ए जिमि का जिमिदार, भूमि का भूमिदार,
तुमरि सेरि बौल, होलो, तुमि, दैणा होया हो,
धरती धरम राजा, तुमि सुफल है जाया हो।
यो गगन की सेरि होली रोपार-तोपारा हो,
हलिया-बल्द आया हे भूमि-भूमियां हो,
श्येला बिदौ दिन दिए हाथ दिए छाया हो॥