Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Jhoda Chachari Baaju Band - चाचारी झोडा बाजु बन्द: लोक संस्कृति की पहचान
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
दोस्तो,
जैसा की आप को ज्ञात है. उत्तराखंड के लोक संगीत मे चाचरी, बाजु बन्द आदि का बहुत महत्व रही है.! एक समय था जब लोगो का मनोरंजन एक एक साधन यही हुवा करता था. जिसमे लोग बहुत रूचि लिया करते थे. लेकिन अब ये सब लुप्त होता जा रहा है !
हम यह पर कोशिश करेंगे की इस लुप्त होते विरासत को कुछ हद तक जिंदा रखे ताकि आनी वाली पीड़ी इसके बारे मे जान सके.
Jhoda, chachari, baajuband, Ritu rain, hudkiya baul, ramaul, khudaid, Nyauli etc.
एम् एस मेहता
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
देवी भगवती माता पर बना यह प्रसिद्ध झोडा..
ओह हो .. खोली दे माता खोली भवानी
धार मे किवाडा ...
ओह हो .. खोली दे माता खोली भवानी
धार मे किवाडा ...
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
In this video, you will find the glimpse of Chachari.
http://www.youtube.com/watch?v=TMx00pgq_Ao
पंकज सिंह महर:
झोड़ा - झोड़ा सामूहिक नृत्य-गीत है । वृताकार घेरे में एक दूसरेकी कमर अथवा कन्धों में हाथ डाले सभी पुरुषों के मन्द, सन्तुलित पद-संचालन से यह नृत्य गीत प्रारम्भ होता है । वृत के बीच में खड़ा हुड़का-वादक गीत की पहली पंक्ति को गाता हुआ नाचता है, जिसे सभी नर्तक दुहराते हैं, गीत गाते और नाचते हैं । झोडों में उत्सव या मेले से सम्बन्धित देवता विशेष की स्तुति भी नृत्यगीत भावनाएँ व्यंजित होती हैं । सामयिक झोड़ों में चारों ओर के जीवन-जगत पर प्रकाश डाला जाता है । 'झोडे' कई प्रकार के होते हैं । परन्तु मेलों में मुख्यत: प्रेम प्रधान झोडों की प्रमुखता रहती है ।
पंकज सिंह महर:
चाँचरी -
चाँचरी अथवा चाँचुरी कुमाऊँ का समवेत नृत्यगीत है । इस नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें वेश-भूषा की चमक-दमक अधिक रहती है । दर्शकों की आँखे नृतकों पर टिकी रहती है । 'चाँचरी' और झोड़ा नृत्य देखने में एक सा लगता है परन्तु दोनों की शैलियों में अन्तर है । चाँचरी में पद-संचालन धीरे-धीरे होता है । धुनों का खिंचाव दीर्ध होता है । गीतों के स्वरों का आरोह और अवरोह भी लम्बाई लिये होता है । नाचने में भी लचक अधिक होती है । 'चाँचरी' नृत्य गीतों की विषय-वस्तु भी झोड़ों की तरह धार्मिक, श्रंगार एवं प्रेम-परक भावों से ओत-प्रोत रहती है । दानपुर का 'चाँचरी' कुमाऊँ की धरती का आकर्षक नृत्य माना जाता है ।
Navigation
[0] Message Index
[#] Next page
Go to full version