कनु लाडिक बिगड़ी मयारू ,ब्वारी कैरिकी
कैमा लगाणी न छुईं अपणी खैरी कि
नथुली बेची, पडाई लिखाई
फ़ुन्गदि बैची क मिन ब्वारी पाई
सोची थौ ब्वारी कु शुख देखुलू ,नौना दगडी चलिगी देस भोगा मारिकी
कैमा लगाणी न छुईं अपणी खैरी की
ब्वारी बिचारी न यनु जाप काई
सैन्तियों पालियों , नौनु भी बस मा निराई
अब ता हमू तैं ,पछानुदु भी नीच
अपणु ही सोनू ही खौटू ह्वेगायी
क्या पाई येका बाना, मिन जूँ मारीकी, कैमा लगाणी न छुईं अपणी कैरिकी
NEXR -KA ,KI -SE