जैसा कि मेहता दा ने कहा है कि इस प्रशन को बार पूछा जाता है आखिर क्यों काफल पाको चैत क्यों कहा गया है! इस गाने के रचियता ब्रिजेन्द्र लाल साह जी थे! उनके संसथान और मोहन उप्रेती जी संसथान से जुड़े लोगो के पूछना होगा|
मोहन उप्रेती संस्थान से सक्रिय रूप से जुड़े होने के कारण मेरा सभी उत्सुक सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया पहले स्व० बृजेन्द्र लाल साह जी द्वारा रचित/लिखित सही/ओरिगिनल "बेडू पाको बारो माशा" गाने को सही तरह से प्रस्तुत कीजिये उसके बाद ही गाने के बोल पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देना उचित हो सकेगा...
जरुरत पड़ने पर संस्था के वरिष्ठ सदस्यों से भी संपर्क किया जा सकता है....
धन्यवाद